-बदलते मौसम से बढ़ी गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में पेशेंट्स की भीड़
-बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हैं वायरल फीवर व डायरिया से पीडि़त
-डेढ़ से दो हजार पेशेंट्स डेली इलाज कराने पहुंच रहे हैं हॉस्पिटल
<-बदलते मौसम से बढ़ी गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में पेशेंट्स की भीड़
-बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हैं वायरल फीवर व डायरिया से पीडि़त
-डेढ़ से दो हजार पेशेंट्स डेली इलाज कराने पहुंच रहे हैं हॉस्पिटल
VARANASI
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बदलते मौसम में आप अपने सेहत का ख्याल नहीं रखेंगे तो आपकी परेशानी बढ़नी तय है। सेहत के प्रति आपकी थोड़ी सी लापरवाही हॉस्पिटल्स की ओर रुख करा सकती है। क्योंकि मौसम में आद्रता, शीत व ताप के साथ ही जलजमाव से हानिकारक वायरस तेजी से पनप रहे हैं। इससे वायरल फ्लू तेजी से फैल रहा है। जिससे जुखाम, खांसी, वायरल फीवर व डायरिया की बीमारी बढ़ रही है। जिसकी चपेट में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक आ रहे हैं। सिटी के गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में कंडीशन यह है कि चेकअप कराने के लिए ओपीडी में पेशेंट्स की लंबी-लंबी लाइन लग रही है। बीमारियों से पीडि़त डेढ़ से दो हजार लोग डेली मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा व दीनदयाल हॉस्पिटल में अपना इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं। सेम कंडीशन सिटी के प्राइवेट हॉस्पिटल्स में भी है।
मंडलीय में ओपीडी फुल
एसएसपीजी मंडलीय हॉस्पिटल, कबीरचौरा में पीडियाट्रिक्स की दोनों ओपीडी इन दिनों फुल हैं। यहां डेली लगभग डेढ़ से दो सौ बच्चे इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। उल्टी दस्त सहित वायरल फीवर से ग्रसित बच्चों को डॉक्टर्स चेकअप करने के साथ ही उन्हें ओआरएस का घोल पिलाने की भी सलाह पेरेंट्स को दे रहे हैं। बीमार होकर ओपीडी में पहुंचने वालों में तीन से बारह साल तक के बच्चों की संख्या अधिक है।
लूजमोशन ने किया है परेशान
युवाओं के अलावा बुजुर्ग भी कई बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। मंडलीय हॉस्पिटल के न्यू बिल्डिंग में सीनियर कंसल्टेंट के ओपीडी में इलाज के लिए आ रहे बुजुर्गो में जहां लूजमोशन, वायरल इंफेक्शन, वायरल फीवर, डायरिया की कम्पलेन ज्यादा है स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स इन्हें दवाओं का कोर्स करने के साथ ही स्वच्छता पर अधिक ध्यान देने की सलाह दे रहे हैं। सभी ओपीडी सुबह 8 बजे से दोपहर एक बजे तक फुल चल रहे हैं।
ये दिखे लक्षण तो हो जाएं सतर्क
-बदन में दर्द, भूख नहीं लगना
-मुंह सूखना और चिड़चिड़ापन
-पेशाब कम होना या नहीं होना
-आंखें धंसी हुई महसूस होना
-बार बार उल्टी, दस्त होना
इनसे रहें जरा बचकर
-ज्यादा तला भूना व मसालेदार खाने से परहेज करें।
-नींबू पानी, ग्लूकोज घर में बना हुआ पीयें
-बाहर में गन्ने का रस न पीएं, बाजारों में कटे फल व जूस से बचें -गर्मी से आकर तुरंत ठंडा पानी न पीएं
-बासी खाना का कत्तई सेवन न करें
-बच्चों को ओआरएस का घोल दें।
-वायरल फ्लू से बचाव के लिए भीड़ वाले स्थानों से रहे दूर
-पेयजल व खान-पान में साफ-सफाई का रखे विशेष ध्यान
-मुंह पर रूमाल रखकर खांसे
-आंख को दिन भर में चार से पांच बार साबुन से धोना चाहिए।
-कुछ भी परेशानी समझ में आने पर तुरंत डॉक्टर्स से सम्पर्क करें।
ज्यादातर वायरल इंफेक्शन, उल्टी दस्त से ग्रसित बच्चे ओपीडी में पहुंच रहे हैं। डेली डेढ़ से दो सौ बच्चों का चेकअप किया जा रहा है। बीमारी से बचने के लिए उनके पैरेंट्स को टिप्स भी दिया जा रहा है।
डॉ। मनीष तिवारी, पिडियाट्रिक्स पं। दीनदयाल उपाध्याय डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल
गर्मी व आद्रता और शीत, तापमान में जो फर्क होता है इससे हानिकारक वायरस तेजी से फैलते हैं। यदि कोई व्यक्ति वायरल बीमारियों से पीडि़त है तो सम्पर्क में आने वाले दूसरे लोगों में ये फैल सकता है।
डॉ। अरविंद सिंह
एमएस, मंडलीय हॉस्पिटल