इमेडी टीवी की ख़बर के मुताबिक क्लिक करें जॉर्जिया में 'दि इंडिपेंडेंट नेशनल फॉरेंसिक्स ब्यूरो' ने 'कौमार्य परीक्षण' सेवा की पेशकश 69 पाउंड यानी तक़रीबन छह हज़ार रुपए में की है.

यही नहीं, अगर इसका इस्तेमाल कर रहा व्यक्ति टेस्ट जल्दी कराना चाहता है, तो उसे दोगुनी रक़म चुकानी पड़ सकती है.

राष्ट्रीय आँकड़ों के मुताबिक यह रक़म उस खर्च से बड़ी है, जो औसतन एक आदमी महीने भर में खर्च करता है.

'कौमार्य परीक्षण' की सेवा लेने वाली ज्यादातर महिलाओं के साथ उनके रिश्तेदार, उनके होने वाले पति और कभी-कभार तो सास भी होती हैं.

मेडिकल मामलों की समझ रखने वाले एक जानकार एका शावलेश्विली ने इमेडी टीवी को बताया, "बहुत से मामलों में वे ख़ुशी-ख़ुशी वापस लौटते हैं.ख़ासकर उन मामलों में जब उन्हें सच पता चल जाता है, लेकिन वही सच जो उन्हें स्वीकार्य होता है."

कुँवारेपन को लेकर कई धारणाएं

इस पारंपरिक ईसाई देश में शादी से पहले क्लिक करें कुँवारेपन से जुड़ी अवधारणाएं गहराई से जड़ें जमाई हुए हैं. हालांकि कौमार्य परीक्षण को लेकर हर कोई ख़ुश भी नहीं है.

टीवी को दिए साक्षात्कार में एक महिला ने इसे 'घिनौना' बताया.

उन्होंने टीवी रिपोर्टर से कहा, "अगर मुझे यह करने के लिए कहा गया तो मैं इनकार कर दूंगी. अगर मुझे क्लिक करें किसी के साथ सारी जिंदगी गुज़ारनी है, तो उसे मुझ पर भरोसा करना चाहिए."

इंटरनेट पर भी इस 'कौमार्य परीक्षण' सेवा का खूब मज़ाक उड़ाया गया है. इस सिलसिले में इंटरनेट पर आईडी कार्ड (परिचय पत्र) की तस्वीर का प्रसार किया जा रहा है.

खास बात यह है कि इस आई़डी कार्ड में कुँआरेपन की स्थिति बताने के लिए एक खाली जगह रखी गई है.

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