नारायण मूर्ति के चहेते हैं सिक्का

नारायण मूर्ति की पहली पंसद हैं सिक्का

विशाल सिक्का चेयरमैन नारायण मूर्ति की पहली पसंद हैं. वे इनकी पसंद तब से हैं जबसे सीईओ की पोस्ट के लिए दूसरे कैंडीडेट्स का इवैल्यूएशन भी नहीं हुआ था. ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि सिक्का ने जर्मन कंपनी बोर्ड से इस्तीफा भी इसीलिए दिया था ताकि वह इंफोसिस ज्वाइन कर सकें.

नारायण मूर्ति देंगे रिजाइन

14 जून को नारायणमूर्ति इंफोसिस के एक्जिक्यूटिव चेयरमैन की पोस्ट से रिजाइन देंगे और वे 11 अक्टूबर से कंपनी के चेयरमैन एमेरिटस होंगे. 11 अक्टूबर से के वी कामत नॉन-एक्जिक्यूटिव चेयरमैन होंगे. एस गोपालकृष्णन एक्जिक्यूटिव वाइस चेयरमैन की पोस्ट से रिजाइन देंगे. 14 जून को नारायणमूर्ति के बेटे रोहन मूर्ति एक्जिक्यूटिव रोल से हटेंगे. वहीं श्रीनाथ बाटनी इंफोसिस के होल टाइम डायरेक्टर के पद से 31 जुलाई को इस्तीफा देंगे.

पहले नॉन फाउंडर सीईओ होंगे सिक्का

विशाल सिक्का को पूरी दुनिया में टेक्नॉलॉजी का विजनरी माना जाता है. वह एएसपी के पहले चीफ टेक्नॉलॉजी ऑफिसर और कंपनी के मैंनेजमेंट टीम के एक्जीक्यूटिव मेंमर भी थे. एएसपी के पॉप्युलर डेटा क्रंचिंग टूल 'हाना'के पीछे सिक्का का ही दिमाग माना जाता है. सिक्का इंफोसिस के पहले नॉन फांउडर मेंमर भी होंगे.

सिक्का से मिलेगा इंफोसिस को फायदा

सिक्का प्रोडक्ट इनोवेशन पर काफी जोर देते हैं. इंफोसिस के पास सर्विस कैपेबिलिटी पहले से है. प्रोडक्ट और सर्विस को साथ लाने से इंफोसिस को फायदा होगा. सिक्का के अप्वांइट से कंपनी की निगेटिव इमेज भी सुधरेगी. हाल ही कंपनी के दो प्रेसीडेंट्स में से एक बीजी श्रीनिवास ने रिजाइन दिया था. एक साल पहले नारायण मूर्ति के कंपनी में लौटने के बाद से कई एक्जीक्यूटिव ऑफिसर इस्तीफा दे चुके हैं. इससे कंपनी की टॉप मैनेजमेंट टीम की स्टेबिलिटी की स्टेबिलिटी को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. उम्मीद की जा रही है सिक्का के आने से इंफोसिस कंपनी ग्रोथ और स्टेबिलिटी की राह पर जाएगी. हांलाकि विशाल सिक्का के पास सर्विस सेक्टर का अनुभव नहीं है इसलिए उनके लिए यह नया चैलेंज होगा.

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