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PRAYAGRAJ: गुरुवार से शुरू हो रही विश्व हिंदू परिषद की दो दिवसीय धर्म संसद में श्रीराम मंदिर अहम मुद्दा होगा। इसकी रणनीति पर देशभर आए संत विचार करेंगे। इसमें आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत शिरकत करेंगे। विहिप के उपाध्यक्ष और केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के संयोजक जीवेश्वर मिश्र ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि विहिप द्वारा आहूत धर्म संसद भारत के स्वातंत्रोत्तर नव जागरण अभियान की प्रणेता रही है।

मंदिर निर्माण संपूर्ण भारत का संकल्प
उन्होंने कहा कि धर्मसंसद के आदेश पर ही 1984 में विहिप ने श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन को प्रारंभ किया था। अब अयोध्या में गुलामी का प्रतीक बाबरी ढांचा नहीं रहा। वहां केवल राम मंदिर है और भव्य मंदिर का निर्माण संपूर्ण भारत का संकल्प बन गया है। दो दिवसीय आयोजन में कई पूज्य जगदगुरु, महामंडलेश्वर आदि हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि धर्मसंसद के निर्णय का इंतजार पूरा देर कर रहा है। संतों के आदेश पर ही देश में वर्तमान जन जागरण अभियान चलाया गया।