-जमीन अधिग्रहण न होने के कारण अटका विश्वनाथ मंदिर में प्रस्तावित हाईटेक कंट्रोल रुम का काम

-हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट का पुनरीक्षण, सुझाव व सुधार पर होगा काम

VARANASI : बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर हाईली सेंसेटिव माना जाता है। यही वजह है कि शासन की ओर से मंदिर सुरक्षा को लेकर बनाई गई हाईपावर कमेटी हर तीन माह पर मंदिर की सुरक्षा का जायजा लेती है। इसी क्रम में बुधवार को प्रदेश के पुलिस मुखिया यानि डीजीपी खुद विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने आये। उन्होंने सब परखने के बाद मीडिया से बातचीत की और कहा कि मंदिर में बनने वाले हाईटेक कंट्रोल का काम फिलहाल जमीन अधिग्रहण होने तक रुका है लेकिन इस दौरान मंदिर की सुरक्षा का और पुख्ता करने के लिए तैयारी चल रही है।

अफसरों संग सुरक्षा बैठक

प्रदेश के डीजीपी आनंदी लाल बनर्जी ने बताया कि पिछले दिनों विश्वनाथ मंदिर की हाईपावर कमेटी सुरक्षा का जायजा लेने आई थी। अधिकारियों संग बैठक कर सुरक्षा की समीक्षा हुई थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को सौंपी थी। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी काशी व मथुरा की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी और अलर्ट भी किया था। सुरक्षा में क्या सुधार किए जा सकते हैं। सुरक्षाकर्मियों की कमी का पूरा करने आदि मसलों पर विचार किया गया था। इसी क्रम में उनका यहां आना हुआ और सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों से इस बाबत बातें हुई। इसके बाद आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। उन्होंने बताया कि हाईटेक कंट्रोल रूम की स्थापना करनी है। आउट डेटेड कैमरे हटाए जाने हैं। नई तकनीक का प्रयोग अब तक नहीं किया गया है। जमीन का अधिग्रहण होने के बाद ही हाईटेक कंट्रोल रूम का काम पूरा हो पाएगा। नई तकनीक का इस्तेमाल शुरू करना चाहते हैं जिससे बिना चेक किए यह पता लग जाए कि मंदिर में जाने वाले की जेब में क्या है। इससे मैन पावर की भी बचत होगी। इन सभी बातों की पुनरीक्षण किया गया तथा इसमें आने वाली दिक्कतों को अतिशीघ्र दूर करने के निर्देश दिए गए।

बढ़ेगी पुलिस की ताकत

मंदिर सुरक्षा के अलावा अन्य सवालों के जवाब में डीजीपी ने कहा कि समय प्रदेश में पुलिस की संख्या करीब दो लाख चार हजार है जबकि इनकी संख्या तीन लाख 80 हजार होनी चाहिए। इस कमी को दूर करने के लिए पुलिसकर्मियों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मिर्जापुर, चंदौली व सोनभद्र में नक्सल एक्टिविटी पर लगाम लगाने की प्लैनिंग पूछे जाने पर डीजीपी ने कहा कि नक्सल प्रभावित इन क्षेत्रों पर पुलिस ने अंकुश लगाया है। इसी का नतीजा है कि ख्009 के बाद इन जिलों में कोई नक्सली घटना नहीं हुई है।