- आधा दर्जन से अधिक योजनाओं पर नहीं बनी पूरे साल बात

- सफाई पर रहा फोकस फिर भी नहीं सुधरी व्यवस्था

Meerut। नगर निगम का वर्ष 2016 हंगामे की भेंट चढ़ गया। शहर के विकास को नए आयाम देने वाली करोड़ों रुपए की योजनाएं हंगामे के चलते पूरी नहीं हो सकीं, जिसका खामियाजा पूरे शहर को भुगतना पड़ रहा है।

नहीं सुधरी सफाई व्यवस्था

नगर निगम द्वारा पूरा साल सफाई पर फोकस किया। कमिश्नर से लेकर डीएम ने जगह-जगह दौरे किए। गंदगी मिलने पर नगर आयुक्त सहित अधिकारियों को जमकर फटकार भी लगाई। बावजूद इसके स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। कमिश्नर ने शहर को स्वच्छ रखने के लिए पूरे एक माह विशेष सफाई अभियान चलवाया। वहीं डीएम ने भी पंद्रह दिन विशेष सफाई अभियान चलवाया।

नहीं हटा सके अतिक्रमण व पैंठ

नगर निगम अतिक्रमण व पैंठ को लेकर भी पूरे साल काफी चर्चा में रहा। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। कोर्ट ने फटकार भी लगाई। लेकिन न तो पैंठ का कोई इंतजाम कर सके और न ही शहर से अतिक्रमण को हटवा सके। पैठ और अतिक्रमण को लेकर निगम व जिला प्रशासन ने कई बार अभियान भी चलाया। कुछ दिन अभियान चलाने के बाद स्थिति फिर से वैसी की वैसी हो गई। अलकरीम के अवैध निर्माण को लेकर भी निगम काफी चर्चा में रहा।

अंतिम बोर्ड बैठक में गूंजा थप्पड़

यूं तो नगर निगम की हर बोर्ड बैठक में हंगामा होता है। पार्षद अधिकारियों एक दूसरे पर जमकर आरोप लगाते हैं। नारेबाजी भी होती है, लेकिन साल की अंतिम बोर्ड बैठक में ऐसा हुआ जो आज तक इतिहास में कभी नहीं हुआ। सपा पार्षद ने भाजपा के पार्षद को थप्पड़ जड़ दिया। जिसको लेकर काफी हंगामा मचा। मामला शासन तक पहुंच गया।

शहर के विकास से जुड़ी हुई जितनी भी योजनाएं हैं उनको आने वाली साल में पूरा कर लिया जाएगा। वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले इनको शुरू करने का प्रयास किया जाएगा।

-डीकेएस कुशवाहा नगर आयुक्त