मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में हुई शादी

मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में एक अनोखी शादी हुई है। जिले के दिगोड़ा गांव में 22 साल की एक नेत्रहीन युवती शालिनी ने अपने आराध्य देव श्रीकृष्ण से शादी कर सोलहवीं सदी की भक्तिकालीन कवयित्री मीराबाई की परंपरा को आगे बढ़ाया है। शादी में सभी रस्में ठीक उसी तरह निभाई गईं जैसे कि गांव में किसी अन्य शादी में निभाई जाती रही हैं। शालिनी को हल्दी लगाई गई, हाथों में मेहंदी सजाई गई। गांव के ही गोपाल मंदिर से पूरे ढोल-बाजे के साथ भगवान श्रीकृष्ण की बारात भी निकाली गई जो शालिनी के दरवाजे तक पहुंची।

पूरे गांव में निकाली गई बरात

भगवान श्रीकृष्ण की बारात ने पूरे गांव की परिक्रमा की। पूरा गांव इस बरात में शामिल हुआ। जब बारात शालिनी के दरवाजे पर पहुंची तो दशकों से चली आ रही रस्म और रिवाज के मुताबिक वर परीक्षण हुआ। फिर वरमाला हुई। शालिनी की इस अनोखी, भव्य और आध्यात्मिक शादी के वक्त गांव और आसपास के सैकड़ों लोग मौजूद थे। इस शादी समारोह के लिए पंडाल लगाए गए थे। स्टेज भी सजाया गया था जहां वर-वधू बैठे थे और लोग शालिनी को आशीर्वाद दे रहे थे। शालिनी बचपन से ही भगवान श्रीकृष्ण को अपना आराध्य मानती रही है। वह बचपन से ही उन्हें पूजती रही है। भगवान श्री कृष्ण में उसकी गहरी आस्था है।

मीरा ने किया था प्रेम विवाह

16वीं सदी में राजस्थान के उदयपुर रजवाड़े की बहू मीराबाई ने भगवान श्रीकृष्ण को बचपन से ही अपना पति मान लिया था। उनके प्रेम में उन्होंने कई काव्य रचनाएं की। कहा जाता है कि मीराबाई को उदयपुर राजघराने के लोगों ने सती करने की कोशिश की थी लेकिन वो सफल नहीं हुए। जब वो श्रीकृष्ण के प्रेम में गांव-गांव जाकर नाच-गाकर अपनी भक्ति भावना का प्रदर्शन करती तब कई बार उन्हें जहर देकर मारने की कोशिश की गई। वो हर बाच गईं। अंतत: वो संवत 1554 ईस्वी में द्वारका में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति में समा गई थीं।

Weird News inextlive from Odd News Desk

Weird News inextlive from Odd News Desk