-उमरिया में दबिश के बाद अब सपा और आईएमसी आए विरोध में

-खजुरिया में दबिश पर कहीं नजर नहीं आयी थी सपा

BAREILLY: खजुरिया ब्रह्मानान और उमरिया सैदपुर के बीच चली आ रही धार्मिक लड़ाई अब राजनीतिक लड़ाई में तब्दील हो गई है। या यूं कहें कि कांवड़ और ताजिये के विवाद को लेकर राजनीतिक पार्टियां वोट बैंक साधने में जुट गई हैं। बीजेपी विधायक हिंदुओ के नेता कहे जाने लगे हैं तो फिर सपा भी पीछे कहां रहने वाली थी। उमरिया में दबिश के बाद सपा विरोध जताने सामने आ गई है। जबकि खजुरिया में ओबीसी जो सपा का वोट बैंक है और एससी-एसटी की गिरफ्तार के वक्त सपा खामोश बैठी थी। सपा जिलाध्यक्ष की मौजूदगी में कई बड़े नेता एसएसपी ऑफिस दबिश के विरोध में प्रदर्शन करने पहुंचे। वहीं आईएमसी भी विरोध में आ गई है और दामोदर पार्क में धरना-प्रदश्र्1ान किया।

निर्दोषों पर न की जाए कार्रवाई

उमरिया में 37 लोगों की गिरफ्तारी के बाद सपा को लगा कि उनका मुस्लिम वोट बैंक नाराज हो जाएगा। जिसके चलते सपा के लोग तुरंत उनके समर्थन में आ गए। मंडे को सपा जिलाध्यक्ष शुभलेश यादव की मौजूदगी में पूर्व सांसद वीरपाल सिंह यादव, पूर्व मंत्री भगवत शरण गंगवार, पूर्व एमएलए शहजिल इस्लाम, महिपाल सिंह, प्रमोद बिष्ट, प्रमोद यादव, हैदर अली समेत अन्य लोग एसएसपी पहुंचे। हालांकि उनकी एसएसपी से मुलाकात नहीं हो सकी। एसएसपी लूट के मामले में मीरगंज गए हुए थे, जिसके बाद सभी नेताओं ने एसपी सिटी को अपना ज्ञापन सौंपा और कहा कि निर्दोषों पर कोई कार्रवाई न की जाए। यदि कोई निर्दोष हो तो उसे बख्सा न जाए। नेताओं ने कहा की यदि किसी हिंदू या मुसलमान का उत्पीड़न किया जाता है तो इसकी सूचना राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को देकर आंदोलन किया जाएगा।

बीजेपी नेता कर रहे माहौल खराब

शुभलेश यादव ने कहा की बिथरी विधानसभा क्षेत्र सदा से कौमी एकता के लिए जाना जाता था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की न पाक नीतियों की वजह से भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के गलत व्यवहार की वजह से आज एक शांतिपूर्ण क्षेत्र भी अशांत हो गया है जिस क्षेत्र की जनता सदा एक दूसरे के सुख दुख में शामिल रहती थी आज वही पर नफरत के बीज बोने का काम भाजपा के नेताओं ने किया है। भाजपा के नेताओ के विरुद्ध यदि साफ नियत से मुकदमे किए हैं तो पुलिस को अपनी नियत सिद्ध करने के लिए इन मुकदमों में शीघ्र गिरफ्तारी करना चाहिए।

आईएमसी ने दामोदर पार्क में दिया धरना

उमरिया में दबिश में आईएमसी नेता शराफत समेत 37 की गिरफ्तारी होते ही आईएमसी विरोध में आ गई। आईएमसी के नेता थाने में छुड़वाने के लिए भी पहुंचे थे, लेकिन उनकी एक न चली। जिसके चलते आईएमसी के नेताओं ने मंडे को दामोदर पार्क में धरना-प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में उमरिया सैदपुर के लोग भी शमिल हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने निर्दोष लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस ने महिलाओं के साथ भी बदतमीजी की है। उसके बाद डीएम को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा गया।

रात में विधायक जाएंगे लखनऊ

एसएसपी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर विधायक अभी पीछे नहीं हटे हैं। उन्होंने पूरा मामला हाईकमान पर छोड़ दिया है, लेकिन वह दो दिन होने के चलते रात में लखनऊ रवाना हो रहे हैं। वह यहां ट्यूजडे को सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलकर अपनी पूरी बात रखेंगे। विधायक पप्पू भरतौल ने बताया कि उनके साथ अलीगढ़, शाहजहांपुर, चित्रकूट, फैजाबाद, पीलीभीत व अन्य जिलों के भी विधायक लखनऊ पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि एसएसपी के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन मिला है और जल्द ही कार्रवाई भी होगी। वहीं पुलिस सोर्स की भी मानें तो एसएसपी बदलने को लेकर तैयारी हो रही है। बरेली में किसे भेजा जाए, इसकी भी तलाश जारी है, लेकिन कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है।

विधायक जेल में मिलने पहुंचे

वहीं विधायक पप्पू भरतौल उर्फ राजेश मिश्रा अभी भी खजुरिया वालों के साथ खुलकर खड़े हुए हैं। खजुरिया में पुलिस ने जुलूस का विरोध करने के लिए रास्ता रोकने के आरोप में 16 लोगों को गिरफ्तार कर जेल में भेजा है। मंडे को विधायक इन सभी लोगों से जेल में जाकर मिले। उन्होंने सभी को आश्वासन दिया कि वह उनकी लड़ाई लड़ रहे हैं और सभी को जल्द छुड़ा लिया जाएगा। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से भी एफआईआर में दर्ज आईपीसी की धारा 307 हटाने की मांग की है।

अभी और बवाली होंगे गिरफ्तार

खजुरिया बाद उमरिया में पुलिस की दबिश के बाद बवालियों में हड़कंप मच गया है। उमरिया के ज्यादातर खुराफाती घर छोड़कर फरार हो गए हैं। एफआईआर में जिन लोगों के नाम दर्ज हैं, पुलिस उनकी तलाश कर रही है। वहीं पुलिस मोहनपुर में भी गिरफ्तारी करेगी। यहां से भी खुराफाती गायब हो गए हैं। पुलिस इन दोनों जगहों पर कभी भी दबिश दे सकती है। पुलिस का कहना है जिन लोगों पर एफआईआर दर्ज है, उन्हें बिल्कुल बख्शा नहीं जाएगा। जिन लोगों के नाम अज्ञात में हैं, उनकी भी पहचान की जा रही है। पुलिस खजुरिया और उमरिया विवाद में अब तक 57 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है, जिसमें 41 उमरिया सैदपुर के हैं और 16 खजुरिया और सिमरा के हैं। पुलिस ने कुल 5 मुकदमे दर्ज किए हैं, जिनमें करीब नामजद और अज्ञात के 1500 लोगों को आरोपी बनाया गया है।