-कई केंद्रों पर लापता रहे बीएलओ, कार्रवाई की संस्तुति

-कई जगह लटका रहा ताला, निराश होकर लौटी पब्लिक

-बिना फॅार्म के बैठे रहे बीएलओ, प्रशासन का उदासीन रवैया

ALLAHABAD: मतदाता सूची विशेष पुनरीक्षण अभियान महज औपचारिकता बनकर रह गया है। रविवार को बूथों में लगा मतदाता मेला लगभग फ्लॉप रहा। कई जगहों पर बीएलओ नहीं पहुंचे तो कहीं ताला बंद रहा। अधिकतर केंद्रों पर बीएलओ के नदारद रहने पर पब्लिक को निराश होकर वापस लौटना पड़ा। कुल मिलाकर जैसे-तैसे पूरा दिन बीता और शाम को समय पूरा होने से पहले ही बीएलओ केंद्र छोड़कर निकल गए। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने रविवार को कई केंद्रों पर जाकर रियलिटी चेक किया तो हकीकत सामने आ गई।

स्पॉट-1, दोपहर एक बजे

पुराना कटरा स्थित पूर्व माध्यमिक कन्या विद्यालय में चार बूथ बनाए गए हैं। रिपोर्टर दोपहर दो बजे यहां पहुंचा तो महज दो बीएलओ सुनीता सिंह और उमेश सिंह मौके पर मौजूद थे। वहीं एक अन्य बीएलओ अमृतलाल बाहर निकले हुए थे। चौथे बीएलओ अभियान का हिस्सा ही नहीं बने। सुनीता सिंह ने बताया कि उनके बूथ के मतदाताओं का फॉर्म वह खुद भरवाकर दे रही हैं।

स्पॉट-2, 1.15 बजे

कलेक्ट्रेट के नजदीक स्थित मेरी लूकस कॉलेज के भी यही हालात रहे। यहां बूथ संख्या 265 से 272 तक आठ बूथ मौजूद हैं। लेकिन, सवा एक बजे केवल चार बीएलओ ही मिले। इनमें कंचन सिंह, श्याम सूरत सिंह, सुशीता देवी और ऋषिकपूर यादव थे। उन्होंने बताया कि बाकी चार बीएलओ आज नहीं आए। उन्होंने बारे में कोई सूचना भी नही दी। उनके बूथ के वोटर पूछताछ कर लौट गए।

स्पॉट-3, 1.30 बजे

तकरीबन डेढ़ बजे दोपहर में रिपोर्टर ने डीएम आवास के ठीक सामने स्थित बिशप जॉनसन कॉलेज में दस्तक दी। यहां पर कितने बूथ हैं किसी को नहीं मालूम। केवल दो बीएलओ जगदीश और बद्री प्रसाद यहां उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि निर्वाचन कार्यालय से उनको महज दो-दो फार्म सिक्स दिया गया है। पब्लिक को अपने पैसे से फोटो कॉपी करवाकर फॉर्म भरवाया जा रहा है। बाकी बीएलओ दूर-दूर तक नजर नही आ रहे थे।

स्पॉट-4, 3.40 बजे

दोपहर 3:40 बजे रिपोर्टर बीएचएस कॉलेज पहुंचा तो यहां महज दो बीएलओ शिमला देवी और संतोष कुमार उपस्थित थे। पूछताछ में पता चला कि 15 मिनट पहले बाकी तीन बीएलओ निकल चुके हैं, जबकि टाइम पूरा नही हुआ था। मौके पर बैठी एक महिला को फॉर्म सिक्स भरना था लेकिन बीएलओ नहीं होने से वह नाराज हो रही थी।

यहां स्कूल बंद होने की सूचना

कई सेंटर ऐसे भी थे जहां सुबह ताला लगा हुआ था। मौके पर या तो बीएलओ नहीं थे या स्कूल ही नहीं खोला गया था। ऐसे में पब्लिक परेशान होती रही। लोगों ने अधिकारियों को फोन कर अपनी शिकायत भी दर्ज कराई। पब्लिक ने जिन सेंटर्स की शिकायत की उनमें लवकुश विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय अटाला, विद्यानिकेतन, ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज, आईईआरटी, अग्रसेन इंटर कॉलेज लूकरगंज, इस्लामिया मजीदिया इंटर कॉलेज अटाला, इम्पैक्ट ग‌र्ल्स कॉलेज अकबरपुर शामिल रहे।

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प्रशासन के पास नहीं हैं बीएलओ

हकीकत तो यह है कि प्रशासन के पास पर्याप्त संख्या में बीएलओ नहीं हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता प्रेरकों को हटा दिए जाने के बाद लगभग सौ बूथ खाली हो गए हैं। शहरों में ट्रांसफर, सेवानिवृत्ति या मृत्यु हो जाने से कई कर्मचारी हट गए हैं। इसके चलते बीएलओ का पद खाली हो गया है। यहां नई नियुक्तियां नहीं की गई हैं। मजबूरी में लालगोपालगंज और कौडि़हार के कई अध्यापकों को बीएलओ बनाया गया है। शहर में अपनी ड्यूटी पूरी करने के लिए इन कर्मचारियों को काफी पापड़ बेलने पड़ रहे हैं।

वर्जन बाकी है