निर्वाचन अधिकारी तब दंग रह गए जब आधा दर्जन मतदाता मतदान केंद्र पर आए और गोरखपुर क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों को खारिज करने के अपने अधिकार की अनुशंसा करने की मांग की. यह घटना शहर के चारगावा इलाके में स्थित जनता इंटरमीडिएट कालेज में बने मतदान केंद्र पर हुई. 60 वर्षीया द्रौपदी मणि त्रिपाठी, उनका बेटा धनंजय मणि त्रिपाठी एवं बहू नूतन त्रिपाठी पीठासीन अधिकारी के पास गईं और उनसे जनप्रतिनिधित्व कानून के नियम 49 (ओ) के प्रावधानों के तहत राइट टू रिजेक्ट की मांग की.

मतपत्र डालकर मतदान करने की प्रणाली में भी हालांकि ऐसे अधिकार का प्रावधान नहीं था. नियम में निर्देश है कि मतदान केंद्र पर एक पुस्तिका रखा जाए जिसमें मतदाता किसी उम्मीदवार के बारे में अपनी इच्छा प्रकट कर सकता है. त्रिपाठी परिवार के तीनों सदस्यों ने पुस्तिका में लिखा, "हम उम्मीदवारों की सूची में दर्ज किसी भी उम्मीदवार को अपने प्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित करने के लायक नहीं मानते हैं. इसलिए हम सभी को खारिज करना चाहते हैं. कृपया इसे रिकार्ड में दर्ज किया जाए."

इसी तरह तीन अन्य स्थानीय युवकों ने भी उसी मतदान केंद्र पर वही प्रक्रिया अपनाई जो त्रिपाठी परिवार ने अपनाई थी. लगभग 20 वर्ष उम्र के इन युवकों के नाम हिमांशु, मोहन और अंकित बताए गए हैं. इस घटना पर टिप्पणी करते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी उमेश सिन्हा ने कहा, "नियम 49 (ओ) एक मतदाता को अपनी इच्छा रिकार्ड में दर्ज कराने का हक देता है और इसे औपचारिक रूप से निर्वाचन रिकार्ड में दर्ज कर लिया गया."

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