स्पेशल न्यूज । - प्रत्याशियों ने अपने पक्ष में वोट मांगने समेत 'मिथक' तोड़ने के प्रति किया जागरूक - गांव के मुकाबले हर बार शहरवासियों में दिखी है मतदान के प्रति जागरुकता में कमी BAREILLY: प्रदेश में निकाय चुनाव के दो चरणों में कम हुए मतदान ने प्रत्याशियों की नींद उड़ा दी है। वोटिंग का कम प्रतिशत जीत का समीकरण बिगाड़ सकता है। पहले चरण में मतदान प्रतिशत 52.85 प्रतिशत था, तो दूसरे चरण में घटकर 48.6 प्रतिशत पर मतदान का आंकड़ा आ गया। मतदान के गिरते ग्राफ ने प्रत्याशियों की धड़कनें इस कदर बढ़ा दी हैं कि पार्षद प्रत्याशी से लेकर मेयर तक चुनाव प्रचार के साथ जनता को मतदान के लिए अवेयर कर रहे हैं। प्रत्याशी वोटर्स को उनके एक-एक वोट की कीमत भी बता रहे हैं। कर रहे वोटर्स को जागरूक अंतिम चरण का मतदान 29 नवंबर को होगा। इन चुनावों में सभी पार्टियों की नजर मतदान प्रतिशत पर है। क्योंकि कम और ज्यादा मतदान होने से जीत हार पर काफी फर्क पड़ता है। इसी साल मार्च में हुए विधानसभा के चुनाव में बरेली में जमकर वोटिंग हुई। लगभग 63 प्रतिशत मतदान हुआ। इस तरह बढ़े मत प्रतिशत के कारण बीजेपी ने सभी नौ सीटों पर कब्जा जमाया था, लेकिन विधानसभा चुनाव में शहर के वोटर ग्रामीण मतदाताओं से काफी पीछे रह गए थे। शहर की दोनों सीटों पर कम मतदान हुआ था। जिससे शहरवासियों की जागरुकता पर प्रश्न चिह्न लगाया है। महिलाएं भी वोट डालने में आगे विधानसभा के चुनाव में ग्रामीण क्षेत्र भले ही आगे रहे हों, लेकिन यहां महिलाएं घरों से बाहर निकलीं। पुरुषों से ज्यादा मतदान किया और उन्होंने मतदान में पुरुषों को पिछे छोड़ दिया। आंवला, बिथरी, चैनपुर और मीरगंज विधानसभा में महिलाएं पुरुषों से आगे रहीं। नवाबगंज, बहेड़ी, भोजीपुरा और फरीदपुर की महिलाओं ने पुरुषों को कड़ी टक्कर दी थी। शहर की दोनों विधानसभाओं में वोटिंग परसेंट में यहां के पुरुषों ने बाजी मारी थी। महिलाएं घरों से बाहर नहीं निकलीं और मतदान में पुरुषों से पीछे रहीं। पर अबकी बार यह स्थिति बदलने के लिए सभी को घर से बाहर निकलना होगा। विस चुनाव 2012 205 ग्रामीण विधानसभा वोट परसेंट वोट परसेंट नवाबगंज 73.98 73.06 भोजीपुरा 70.22 69.56 बहेड़ी 69.89 69.00 बिथरी चैनपुर 69.42 68.63 मीरगंज 67.09 66.39 आंवला 66.94 66.3 फरीदपुर 65.63 64.73 शहर शहर 55.09 54.31 कैंट 53.92 53.01 जहां भी जनसंपर्क करने गया लोगों को बढ़चढ़ कर मतदान करने के प्रति भी जागरूक किया है। क्योंकि हर एक वोट जरूरी होता है। डॉ। आईएस तोमर, मेयर प्रत्याशी, सपा हार या जीत का आधार वोट होता है। हर बार शहरवासी वोटिंग में गांव से भी पीछे रहे हैं। इस बार उन्हें यह मिथक तोड़ने के लिए वोटिंग करनी होगी। उमेश गौतम, मेयर प्रत्याशी, भाजपा जनसंपर्क के दौरान लोगों से सुबह बूथ पर पहुंचकर वोट करने के बाद ही अन्य दैनिक कार्य करने के प्रति जागरुक किया है। वोट से ही जीत का रास्ता है। अजय शुक्ला, मेयर प्रत्याशी, कांग्रेस