- वीटीएस लगने का असर भी दिखना शुरू

- किस घर के सामने कितनी देर रुकी, यह भी चलेगा पता

- डीजल की खपत की भी मिलेगी आसानी से जानकारी

- लापरवाही पर तुरंत कंट्रोल रूम पहुंच जाएगी सूचना

- वीटीएस बताएगा कहां हैं कूड़ा कलेक्शन गाडि़यां

- अभी तक 400 गाडि़यों में लगाया जा चुका है व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम

- चालक की लोकेशन होगी ट्रेस, अभी तक तीन पर गिरी गाज

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LUCKNOW एक तरफ नगर निगम की ओर से कूड़ा कलेक्शन गाडि़यों की पेट्रोल टंकी में चिप लगाई जा रही है, वहीं दूसरी तरफ इन्हीं गाडि़यों में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम (वीटीएस) भी लगाया जा रहा है. जिससे पता लगाया जा सके कि इन गाडि़यों की लोकेशन क्या है.

तीन पर एक्शन

कूड़ा कलेक्शन गाडि़यों में वीटीएस लगाए जाने का असर भी दिख रहा है. अभी तक तीन ऐसे ड्राइवर्स पर एक्शन लिया जा चुका है, जिनकी लोकेशन ड्यूटी स्थल के बाहर क्षेत्र में मिली. खास बात यह है कि ट्रेसिंग के इस सिस्टम से 30 दिन गाडि़यों की मॉनीटरिंग की जाती है फिर कार्रवाई संबंधी कदम उठाए जाते हैं.

कहां रुकी, यह भी पता चलेगा

इस सिस्टम से आसानी से पता चल जाता है कि कूड़ा कलेक्शन गाड़ी किन-किन गलियों से गुजरी और कितनी देर तक एरिया में रही. सिस्टम यह भी बताता है कि वह किस घर के सामने कितनी देर रुकी. इससे डीजल की खपत के बारे में भी आसानी से पता चल जाएगा.

समय भी पता चलेगा

इससे गाडि़यों के समय की भी जानकारी जुटाई जा सकेगी. अगर किसी गाड़ी की ड्यूटी जोन में सुबह 7 बजे है और उसका मूवमेंट दस मिनट देर से होता है तो तत्काल निगम के वार रूम में बने कंट्रोल रूम में इसकी जानकारी पहुंच जाएगी. जिससे टीम मौके पर जाकर ड्राइवर से सवाल जवाब कर सकेगी.

देनी होगी जानकारी

सभी ड्राइवर्स को यह भी जानकारी देनी होगी कि कूड़ा कलेक्शन के बाद उनकी लोकेशन क्या रही. अगर कोई ड्राइवर झूठ बोलता है तो वीटीएस की मदद से उसका झूठ आसानी से पकड़ा जाएगा.

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आरआर विभाग में कैमरे

मेयर के निर्देश के बाद आरआर विभाग में कैमरे लगाने के लिए भी कवायद शुरू कर दी गई है. जिससे डीजल चोरी करने वालों पर आसानी से शिकंजा कसा जा सके और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके.

वर्जन

सभी कूड़ा कलेक्शन गाडि़यों में वीटीएस लगाया जा रहा है. जिससे पता लगाया जा सके कि कूड़ा कलेक्ट करने वाली गाडि़यों की लोकेशन क्या है.

डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त