- जरीब चौकी जामा मस्जिद में चलने वाले मदरसे में इमाम बच्चों से तुड़वा रहे जर्जर दीवार, साफ करा रहे ईटें

- रिपोर्टर के पूछने पर कहा, मजदूरी नहीं यह तो शबाब का काम है, अल्लाह लुटाएगा बच्चों पर अपनी रहमत

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यन्हृक्कक्त्र : स्कूलों में पढ़ने जाने वाले बच्चों के शोषण और मजदूरी की खबरें आए दिन देश के किसी ने किसी हिस्से आती रहती हैं। सैटरडे को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के एक रीडर ने फोन पर ऐसी ही जानकारी दी। रीडर ने बताया कि जरीब चौकी स्थित मदरसे में बच्चों से मजदूरी कराई जा रही है। सूचना को गंभीरता से लेते हुए मामले की पड़ताल करने आई नेक्स्ट रिपोर्टर मौके पर पहुंचा तो सच आंखों के सामने था। मदरसे के इमाम साहब कुर्सी पर तशरीफ रखे बैठे थे और बच्चे मदरसे की पुरानी जर्जर दीवार से ईटें निकाल रहे थे। इसके बाद उन्हें साफ कर एक जगह जमा कर रहे थे।

ये कौन सी तालीम?

बता दें कि जरीब चौकी स्थित जामा मस्जिद में मदरसे का भी संचालन किया जाता है। लोग यहां अपने बच्चों को तालीम लेने को भेजते हैं। लेकिन उनके परिजनों को शायद ही मालूम हो कि उन्हें मदरसे में उन्हें कौन सी तालीम दी जा रही है। बच्चों से कहीं भी इस तरह मजदूरी करवाना गैरकानूनी है और बाल श्रम कानून के तहत सजा का भी प्राविधान है। लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह थी कि स्कूल के अंदर खुद बच्चों को पढ़ाने वाले इमाम मो। अशफाक आलम अपनी मौजूदगी में बच्चों से ऐसा करवा रहे थे। रिपोर्टर ने जब उनसे पूछा कि बच्चों से मजदूरी कराना क्या सही है? तो उन्होंने तुरंत इसे जायज ठहराते हुए कहा कि मदरसे के लिए काम करना तो शबाब का काम हैअल्लाह इन पर अपनी रहमत लुटाएगा।

बच्चों की सेफ्टी भी अल्लाह भरोसे

बच्चों से मदरसे में मजदूरी करवाने के साथ ही उनकी सेफ्टी का भी कोई ख्याल नहीं रखा गया था। छोटे बच्चे बरसात से भीगी हुई पुरानी मोटी सी दीवार को भारी भरकम साबड़ की मदद से तोड़ने में जुटे थे। कुछ बच्चे इस दौरान निकलने वाले मलबे को उठा कर बाहर फेंकने और ईटों को सलीके से रखने का काम कर रहे थे। अगर इस दौरान दीवार भरभरा कर गिर जाती तो बच्चों की जान मुसीबत में पड़ सकती थी। सेफ्टी के सवाल पर इमाम साहब का कहना था कि अल्लाह खुद इन बच्चों की पूरी मदद कर रहा है। अल्लाह की मर्जी के बिना कुछ नहीं होता और अल्लाह कभी बच्चों पर आंच नही आने देगा। हालांकि जब रिपोर्टर मदरसे से बाहर निकल गया तो इमाम साहब ने बच्चों को काम से हटा कर लेबरों को यह काम सौंप दिया।

वर्जन -

आपके माध्यम से घटना की जानकारी हुई है। मदरसे में बच्चों को तालीम दी जानी चाहिए न कि उनसे काम कराया जाना चाहिए। मामले की जांच करा कर कार्रवाई की जाएगी।

- धर्मेद्र सिंह, एडीएम सिटी।