एडमिशन के लिए एंट्रेंस को लेकर हो सकती है अभी देरी

यूनिवर्सिटी नहीं जुटा पा रही है कॉलेजों व विभागों से डाटा

Meerut . सीसीएसयू व संबंधित कॉलेजों में संचालित सभी कोर्स में पीएचडी के लिए अभी स्टूडेंट्स को और वेट करना होगा, क्योंकि अभी एंट्रेंस होने के डेढ़ महीने तक चांस नहीं है. ऐसा इसलिए, क्योंकि यूनिवर्सिटी खुद ही अपने विभागों का डाटा नहीं जुटा पाई है. अभी तो यूनिवर्सिटी के कई विभाग ऐसे हैं, जिन्होंने डाटा नहीं दिया है. वहीं कॉलेजों से डाटा मांगा गया था, लेकिन कॉलेजों ने डाटा नहीं दिया है.

चल रही लेटलतीफी

यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से सभी कॉलेजों व विभागों से पीएचडी को लेकर महीनों पहले डाटा मांगे गए थे. बता दें कि यूनिवर्सिटी ने पहले इसके लिए 13 मई की डेट दी थी, लेकिन डाटा नहीं मिल पाया था. इसके बाद कॉलेजों व विभागों को 20 मई की तारीख निर्धारित की गई. फिर अंतिम तिथि जून का पहला सप्ताह दिया गया. ऐसे करते हुए अब 12 जून भी निकल गया डाटा नहीं मिल पाया है. सीसीएसयू संबंधित 69 कॉलेज है जिनका पीएचडी का डाटा मांगा गया है. इनमें मुश्किल से पांच का भी डाटा नहीं आ पाया है.

नहीं हैं आंकड़ा

ऐसे में ये कैसे पता चलेगा कि कितने स्टूडेंट्स के शोध पूरे हो चुके है एवं कितने के शोध चल रहे हैं, इन सबका आंकड़ा विवि की तरफ से मांगा गया था. जिस कारण पीएचडी एंट्रेंस फार्म में देरी हो रही है. विवि सूत्रों की माने तो अभी तक पीएचडी प्रवेश फार्म आने में समय लगेगा. कम से कम डेढ़ माह तो और लगने के चांस है. जून में वैसे तो एंट्रेंस कराने का दावा भी हो रहा था. पर डाटा नहीं तो कैसे प्रवेश परीक्षा होगी ये सोचने की बात है.

ऐसे चलेगी प्रक्रिया

पहले कॉलेजों व विभागों से डाटा आएगा, इसके अनुसार सीट निकाली जाएगी. उसके बाद अभ्यर्थियों के लिए प्रवेश फार्म भरने के लिए ऑनलाइन आवेदन रजिस्ट्रेशन को खोले जाएंगे. ऑनलाइन फार्म भरने के बाद विवि प्रशासन की तरफ से परीक्षा आयोजित होगी. मेरिट के आधार पर स्टूडेंट्स के प्रवेश होंगे, इस सब में भी काफी समय लग जाएगा. ऐसे में प्रक्रिया लेट हो जाएगी.

कोशिश की जा रही है पर डाटा नहीं आ पाया है, दोबारा से डाटा मांगा गया है. जैसे ही डाटा आता है डेट तय की जाएगी व जल्द ही एग्जाम होगा.

प्रो. वाई विमला, प्रोवीसी, सीसीएसयू