-टीजीटी-पीजीटी 2016 के रिजल्ट के इंतजार में दस लाख अभ्यर्थी

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PRAYAGRAJ: सूबे के माध्यमिक स्कूलों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से लगातार प्रयास किया जा रहा है। वहीं माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड की लेटलतीफी इसमें रोड़ा बन रही है। पांच महीने पहले नौ हजार पदों के लिए टीजीटी-पीजीटी 2016 की लिखित परीक्षा कई साल के इंतजार के बाद आयोजित की गई। प्रक्रिया धीमी पड़ने के कारण करीब दस लाख अभ्यर्थियों को अभी भी रिजल्ट का इंतजार है।

फरवरी व मार्च में हुई थी परीक्षा

सूबे के एडेड स्कूलों में टीजीटी व पीजीटी शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन के करीब तीन साल बाद लिखित परीक्षा आयोजित हुई। चयन बोर्ड की ओर से इसी वर्ष की शुरुआत में एक व दो फरवरी को प्रवक्ता पद के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन हुआ। टीजीटी के लिए आठ व नौ मार्च को लिखित परीक्षा का आयोजन मंडल मुख्यालयों में हुआ। इसके लिए सूबे में करीब 10 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। तब से अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा के रिजल्ट का इंतजार है। लेकिन अभी तक रिजल्ट को लेकर बोर्ड की तरफ से कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं।

भविष्य को लेकर संशय

ऐसे में अभ्यर्थी अपने भविष्य को लेकर संशय में हैं। गौरतलब है कि 2016 में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से टीजीटी-पीजीटी 2016 के लिए विज्ञापन जारी हुआ था। उसके बाद आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई थी। 2017 में सत्ता परिवर्तन के बाद चयन बोर्ड को भंग कर दिया गया। लंबे इंतजार के बाद चयन बोर्ड का फिर से गठन हुआ। जिसके बाद बोर्ड की तरफ से 12 जुलाई को कुछ विषयों का विज्ञापन निरस्त कर दिया गया।