14 व 15 नंबर का वेटिंग रूम बना बंदी गृह

रेलवे के आला अफसरों के निर्देश?पर बस रेड टीम ट्रेन रोक कर गाड़ी चेक करती है। थर्सडे को भी टीम ने कैंट स्टेशन पर छापेमारी की। छापेमारी में 25 से ज्यादा लोग बिना टिकट पकड़े गए। उन्हें वेटिंग रूम नंबर 14 व 15 में बंद कर दिया गया। यह टीम रोज 40-45 लोगों को बिना टिकट यात्रा और स्लीपर क्लास में एमएसटी लेकर चलने वाले लोगों की धर-पकड़ करने का काम करती है। लेकिन हैरत की बात यह है कि प्रत्येक दिन पकड़े गए लोगों को बस रेड टीम वेटिंग रूम में बंद कर देती है। इसके चलते वेटिंग रूम में कई यात्रियों को बैठने में काफी दिक्कतें होती हैं।

1,40,605 रुपए का लगा जुर्माना

छापेमारी में अब तक 247 लोगों को पकड़ा जा चुका है। इनसे करीब 1,40,605 रुपए जुर्माना भी वसूला जा चुका है।

क्या कहते हैं बस रेड ऑफिसर्स

ऑफिसर्स की माने तो बस रेड में पकड़े जाने वाले जो लोग मौके पर जुर्माना नहीं दे पाते  उन्हें रेलवे मजिस्ट्रेट के पास पेश किया जाता है। रहा सवाल वेटिंग रूम में बंद करने का तो जंक्शन के खाली पड़े 14 व 15 नंबर वेटिंग रूम को पेशी पर जाने से पहले इसका यूज कर लिया जाता है।

कंफ्यूजन में एमएसटी होल्डर्स

ज्यादातर एमएसटी होल्डर्स कंफ्यूजन में होते हैं कि उनका एमएसटी स्लीपर क्लास में मान्य है कि नहीं। जबकि पास सिर्फ जनरल कोच मान्य है, लेकिन नियम को न जानने या अनदेखी के चलते वे स्लीपर क्लास में सफर करते हैं। पकड़े जाने पर टीटीई और बस रेड टीम से मिसबिहेव करते हैं।

"पकड़े गए लोगों को तब तक वेटिंग रूम में बैठाया जाता है, जब तक चार्जशीट तैयार नहीं होती। चार्जशीट तैयार होने के बाद उन्हें रेलवे मजिस्ट्रेट के पास पेश किया जाता है."

आलोक कुमार सिंह, सीपीआरओ एनई रेलवे