- रेलवे स्टेशन की घडि़यों का वक्त नहीं हो रहा सही

- घड़ी के तीनों ओर अलग-अलग वक्त, वहीं स्टेशन पर दिखाया जाने वाला वक्त भी अलग

- 2-3 मिनट का वक्त है फर्क, जिसकी वजह से पैसेंजर्स को हो जाती है कंफ्यूजन

GORAKHPUR : इन दिनों रेलवे का वक्त सही नहीं चल रहा है। जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी भी सही तरीके से नहीं निभा रहे हैं। इसकी वजह से पैसेंजर्स परेशान हैं। घबराई नहीं, हम किसी ज्योतिष की भविष्यवाणी या रेलवे की दशा के बारे में कोई प्रिडिक्शन नहीं कर रहे हैं, बल्कि गोरखपुर रेलवे स्टेशन कैंपस में लगी घड़ी की बात कर रहे हैं। जो इन दिनों रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन की लापरवाही की वजह से अपना वक्त बताना भूल गई है। इससे न सिर्फ पैसेंजर्स में कंफ्यूजन की स्थिति पैदा हो जा रही है, बल्कि वक्त के फेर में उनकी ट्रेन छूटने के हालात भी पैदा हो जा रहे हैं।

घड़ी के तीनों साइड में अलग-अलग वक्त

गोरखपुर रेलवे स्टेशन कैंपस में लगी घड़ी में फ्रंट साइड में तीन तरफ से वक्त देखा जा सकता है। रेलवे की घड़ी पर निगाह डालें तो इसमें तीनों ही घडि़यां अलग-अलग वक्त बता रही हैं। वहीं रेलवे स्टेशन पर लगी डिजिटल घड़ी कुछ और ही वक्त बता रही है। इस तरह से तीन घडि़यों में तो अलग-अलग वक्त है ही, साथ ही रेलवे प्लेटफॉर्म पर लगी घड़ी का भी वक्त चेंज है।

पैसेंजर्स को हो रही है प्रॉब्लम

गोरखधाम से दिल्ली जा रहे राघवेंद्र ने बताया कि बाहर घड़ी में ब्.0भ् का वक्त शो कर रहा था, लेकिन जब मैं अंदर आया तो प्लेटफॉर्म की घड़ी में ब्.09 मिनट हो रहे थे। मुझे अंदर आने में मैक्सिमम क् मिनट का वक्त लगा, लेकिन इस बीच बाहर से अंदर आने के बाद ब् मिनट का वक्त देखकर मुझे गड़बड़ लगी। मैंने फिर बाहर जाकर देखा तो घड़ी में ब्.08 मिनट ही हो रहे थे, तब मुझे लगा कि रेलवे की घडि़यां अलग-अलग वक्त बता रही हैं। राघवेंद्र ने बताया कि मैं तो थोड़ा पहले था, जिसकी वजह से कोई प्रॉब्लम नहीं हुई, लेकिन अगर को पैसेंजर्स बाहर की घड़ी पर भरोसा कर लेगा, तो निश्चित तौर पर उसकी ट्रेन छूट सकती है।

सिर्फ सुईयों को कराना है ठीक

घड़ी के कारीगरों की मानें तो रेलवे की घड़ी को ठीक करने में कोई खास मशक्कत नहीं करनी। वह इसलिए कि सभी घडि़यां चल रही हैं, लेकिन उसकी सुईयों में थोड़ा डिफरेंस है। इसे एक बराबर करने के लिए सिर्फ घड़ी के साथ एक आदमी को ऊपर चढ़ना होगा और अपनी घड़ी के हिसाब से सभी सुईयों को सेट कर देना होगा, इसके बाद न तो पैसेंजर्स को प्रॉब्लम फेस करनी होगी और न ही रेलवे को।

अगर घडि़यों में कोई प्रॉब्लम है, तो इसको फौरन ही दूर कराया जाएगा। पैसेंजर्स को कोई असुविधा न हो, इसके लिए रेलवे हमेशा ही तत्पर है।

- आलोक कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे