पहले बेली रोड पर स्थित हड़ताली मोड़ धरना और प्रदर्शन के लिए निर्धारित था। प्रदर्शन के वक्त हिंसा और भीड़ पर नियंत्रण के लिए वहां एक विशाल गेट बनाया गया। फिर वक्त बदला और बदल गया धरनास्थल भी। कई साल पहले बेली रोड से आर लॉक के पास धरनास्थल को शिफ्ट कर दिया गया.
आर लॉक से गर्दनीबाग चला गया धरनास्थल
पटना में आए दिन होने वाले धरना और प्रदर्शन से जब आर लॉक का फाटक बंद हो जाता तो पूरा पटना जाम हो जाता। इसके बाद एक बार फिर जगह बदली गई और अब वर्तमान में धरना-प्रदर्शन के लिए निर्धारित जगह है गर्दनीबाग.
अब जल्द ही गर्दनीबाग में भी लोहे का फाटक लगने वाला है, जिसकी तैयारी पूरी हो चुकी है। लेकिन शायद पटना नगर निगम और प्रशासन के दिलो-दिमाग में धरनास्थल के रूप में बेली रोड और आर लॉक ही कायम हैं। यही वजह है कि इन दोनों जगहों से आजतक लोहे के ये बड़े-बड़े फाटक नहीं हटाए गए हैं। इसके कारण रात के समय और कभी-कभी दिन में भी लोग इनसे टकराते हैं। करीब दो साल पहले बेली रोड स्थित हड़ताली मोड़ पर लोहे के फाटक से टकराकर एक बाइक सवार की दर्दनाक मौत हो गई थी। पिछले तीन साल में इन मौत की दीवारों से टकराकर कई लोग अपने हाथ-पैर तुड़वा चुके हैं। यही नहीं, हर दिन ट्रैफिक के दौरान भी ये फाटक बाधा बनते हैं, और लोग प्रशासन को कोसते हुए निकलते हैं.
इन फाटकों से कोई समस्या नहीं है। ये तो हमेशा खुले ही रहते हैं। इसलिए इनको हटाने की कोई योजना नहीं है.
-अफजल इमाम, मेयर, पटना नगर निगम
इन फाटकों की अब कोई जरूरत नहीं है। हमारे संज्ञान में ये बात आई है। हम पता लगा रहे हैं कि किस एजेंसी ने इन्हें लगाया है। इसके बाद इन्हें सड़क पर से हटाया जाएगा.
-जय सिंह, आयुक्त, पटना नगर निगम
कई साल पहले आर लॉक पर शिफ्ट हुआ था धरनास्थल
पहले बेली रोड पर स्थित हड़ताली मोड़ धरना और प्रदर्शन के लिए निर्धारित था। प्रदर्शन के वक्त हिंसा और भीड़ पर नियंत्रण के लिए वहां एक विशाल गेट बनाया गया। फिर वक्त बदला और बदल गया धरनास्थल भी। कई साल पहले बेली रोड से आर लॉक के पास धरनास्थल को शिफ्ट कर दिया गया.
आर लॉक से गर्दनीबाग चला गया धरनास्थल
पटना में आए दिन होने वाले धरना और प्रदर्शन से जब आर लॉक का फाटक बंद हो जाता तो पूरा पटना जाम हो जाता। इसके बाद एक बार फिर जगह बदली गई और अब वर्तमान में धरना-प्रदर्शन के लिए निर्धारित जगह है गर्दनीबाग। अब जल्द ही गर्दनीबाग में भी लोहे का फाटक लगने वाला है, जिसकी तैयारी पूरी हो चुकी है। लेकिन शायद पटना नगर निगम और प्रशासन के दिलो-दिमाग में धरनास्थल के रूप में बेली रोड और आर लॉक ही कायम हैं। यही वजह है कि इन दोनों जगहों से आजतक लोहे के ये बड़े-बड़े फाटक नहीं हटाए गए हैं। इसके कारण रात के समय और कभी-कभी दिन में भी लोग इनसे टकराते हैं। करीब दो साल पहले बेली रोड स्थित हड़ताली मोड़ पर लोहे के फाटक से टकराकर एक बाइक सवार की दर्दनाक मौत हो गई थी। पिछले तीन साल में इन मौत की दीवारों से टकराकर कई लोग अपने हाथ-पैर तुड़वा चुके हैं। यही नहीं, हर दिन ट्रैफिक के दौरान भी ये फाटक बाधा बनते हैं, और लोग प्रशासन को कोसते हुए निकलते हैं।
इन फाटकों से कोई समस्या नहीं है। ये तो हमेशा खुले ही रहते हैं। इसलिए इनको हटाने की कोई योजना नहीं है।
-अफजल इमाम, मेयर, पटना नगर निगम
इन फाटकों की अब कोई जरूरत नहीं है। हमारे संज्ञान में ये बात आई है। हम पता लगा रहे हैं कि किस एजेंसी ने इन्हें लगाया है। इसके बाद इन्हें सड़क पर से हटाया जाएगा.
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