- युवा जोश, देश प्रेम, सामाजिक हालात, राजनीति की कविताओं का श्रोताओं ने लिया आनंद

BAREILLY:

सामाजिक सद्भाव और एकता के सन्देश वाहक 34वें वाल्मीकि सद्भावना मेले के समापन समारोह में कवियों ने अपनी रचनाओं से सामाजिक हालत, राजनीति आदि पर रचाएं प्रस्तुत कर वहां मौजूद लोगों का दिल जीत लिया। इससे पहले कार्यक्रम इनॉग्रेशन बीएसएनएल के महा प्रबंधक मणिराम ने किया। वहीं, स्पेशल गेस्ट के तौर पर नेत्र रोग विषेषज्ञ एमएस बासू मौजूद रहे। कवि सम्मेलन के अलावा सुगम संगीत के कार्यक्रमों ने सैंकड़ों की तादाद में मौजूद दर्शकों का मन मोह लिया। काव्य सम्मेलन में कन्या भू्रण हत्या, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, स्मार्ट सिटी-स्मार्ट सिटीजन समेत तमाम मुद्दों पर शपथ भी दिलाई गई।

रचनाओं को िमली सराहना

काव्य सम्मेलन में कवियों ने बेहतरीन रचनाओं से दर्शकों को गुदगुदाते हुए देश प्रेम से भी लबरेज किया। कवि सम्मेलन में रोहित राकेश, पन्तनगर से मोहन मुन्तजिर, हल्द्वानी से गौरी मिश्रा, बंगलुरु से मीनाक्षी कटोच, लखनऊ से अनिल अनाड़ी, दिल्ली से मोहनी देहलवी, गाजियाबाद से प्रिंयका राय, रोहित राकेश और निरूपमा अग्रवाल मौजूद रहे। इसमें मोहन मुन्तजिर ने 'जब तक मुस्कराये न वो, उसे मुस्कान मत देना, पलट कर खुद ही देखेगी, तुम उस पर ध्यान मत देना', रोहित राकेश ने 'आंखे जो दी थी उनको भी चार कर गये, कमबख्त अपने दिल का भी व्यापार कर गये', मोहनी देहलवी ने 'उसकी आहट से जिस्म यूं महकने लगता है, राख का ढे़र जैसे फिर दहकने लगता है' समेत अन्य रचनाएं पेश की तो हॉल तालियों ने गड़गड़ाहट से गूंज उठा।