एनआरआई इंजीनियर ने वापस मांगी कार
लंदन में रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर कुंदन शर्मा ने आप पार्टी को यह कार दान में दी थी और अब उन्होंने ट्वीट के जरिये अपनी नाराजगी जताते हुए अपनी मांग सामने रखी है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि जो नीली वैगन आर, बाइक और लाखों रुपये मैंने 'आप' को दिए वह वापस दे दो. कुंदन ने एक और ट्वीट में कहा है कि उसने अपनी कार केजरीवाल को नहीं बल्कि पार्टी को दान की थी. उन्होंने अपने ट्वीट के साथ दान में दी गई राशि का सर्टिफिकेट भी शेयर किया है. इसके मुताबिक उन्होंने पार्टी को 1 लाख 75 हजार रुपये दान दिए थे. उन्होंने पार्टी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि मुझे खुशी होगी अगर पार्टी दिए गए दान को वापस लेने का अधिकार देती है. साथ ही उन्होंने कहा कि बालयान जैसे विधायकों को वापस बुलाने के अधिकार के बजाय यह अधिकार दे दिया जाना चाहिए. बालयान को वापस बुलाना तो मुमकिन नहीं है, सो दान को वापस लेने का अधिकार दे दिया जाना चाहिए.


जैसे दिखते हैं वैसे नहीं केजरीवाल

उन्होंने यह भी ट्वीट किया है कि वह अरविंद केजरीवाल को बहुत बड़े समर्थक थे, जब वह पार्टी को दूर से देख रहे थे, लेकिन जब करीब से जाना तब सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया, जो चमकता है जरूरी नहीं कि सोना हो. कुंदन शर्मा ने एक निजी चैनल को बताया कि यह कार अब भी उनकी पत्नी के नाम पर रजिस्टर है. उन्होंने कहा कि वह इस कार का प्रयोग नहीं कर रहे थे. वह इस कार को 'आप' को देना चाहते थे, लेकिन कुछ हिचक रहे थे. जब उन्होंने निर्भया आंदोलन में पार्टी के रुख को देखा तो यह कार पार्टी को दान में दे दी.


केजरीवाल खुद बन गए लोकपाल

अब अरविंद केजरीवाल ने यह कार पार्टी के रोहतक के प्रत्याशी को दे दी थी, और खुद इनोवा गाड़ी में चल रहे हैं. लेकिन, अब यह नीली कार वापस उनके पास आ गई है. अपने ट्वीट में केजरीवाल पर प्रहार करते हुए कुंदन शर्मा ने लिखा है कि 24 घंटे लोकपाल के नाम की माला जपने वाले अरविंद ने प्रशांत और योगेंद्र के खिलाफ लगे साजिश के आरोपों की जाँच की बारी आई तो खुद लोकपाल बन गये.

साभार: दैनिक जागरण

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