-स्थानीय लोगों का दावा विक्रम से प्रतापगढ़ निकले सभी आरोपी

-अपने कजिन के यहां लिए हुए हैं शरण, पुलिस को पांच दिन बाद भी कुछ पता नहीं

ALLAHABAD: महिलाओं को सुरक्षा देने वाला नया कानून बन जाने के बाद भी अपराधी बेखौफ हैं तो उसमें पुलिस का रोल कुछ कम इंपार्टेट नहीं है। हम बात कर रहे हैं एसिड अटैक की। पांच दिन बाद भी पुलिस के हाथ आरोपियों का कोई सुराग नहीं है जबकि हमले में झुलसी एक युवती अब भी गंभीर स्थिति में है। पूरा परिवार भय और दहशत के साए में जी रहा है। हॉस्पिटल से पूरा सहयोग नहीं मिला तो प्राइवेट हॉस्पिटल चले गए। आखिर कब तक परिवार खुद लड़ता रहेगा। पुलिस और प्रशासनिक ऑफिसर्स की चुप्पी उनके रवैए पर सवाल खड़े करती है।

क्यों नहीं दबिश दे रही है पुलिस?

रेशमा के घर वालों ने वारदात के बाद से ही पुलिस से शिकायत की थी आरोपी राजू फोन करके धमकी दे रहा है। पुलिस उसे पकड़ने की जगह यह वेरीफाई करने में लग गई कि लड़कियां जो बता रही हैं वह सही है या नहीं। स्थानीय लोग बताते हैं तक राजू मऊआइमा एरिया में ही था। अब राजू व उसके आरोपी साथी प्रतापगढ़ के रानीगंज में रहने वाली कजिन के यहां शरण लिए हुए हैं। सैटरडे को किसी ने वहां देखा कि राजू अपने फैमिली मेम्बर्स के साथ एक विक्रम से निकला है।

फिर धमकी देने की बात

रेशमा के भाई ने आई नेक्स्ट रिपोर्टर को बताया कि सैटरडे को भी उसके एक रिलेटिव को अंजान फोन आया था। शायद वह राजू ही था जिसने फोन किया था। उसने धमकी दी कि इस बार एसिड से हमला किया था लेकिन बच गई। अगली बार बचने का कोई चांस नहीं होगा। वहीं दूसरी ओर अभी रेशमा की हालत स्थिर बनी हुई है। चेहरे पर जख्म होने के कारण डॉक्टर का कहना है कि ट्रीटमेंट लम्बा चलेगा। घर वाले इसलिए परेशान हैं क्योंकि उसकी रेशमा की आंखों की हालत ठीक नहीं है।