- प्रतापगढ़ और जौनपुर में वांटेड 50 हजार के इनामी भंडारी यादव को एसटीएफ ने दबोचा

<- प्रतापगढ़ और जौनपुर में वांटेड भ्0 हजार के इनामी भंडारी यादव को एसटीएफ ने दबोचा

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: जरायम की दुनिया में तेजी से कदम बढ़ाने वाले शातिर अपराधी भंडारी यादव को एसटीएफ ने सोमवार को झूंसी से दबोच लिया। भ्0 हजार रुपए के इस इनामी बदमाश पर क्8 मामले दर्ज हैं। मर्डर व लूट केस में प्रतापगढ़ और जौनपुर डिस्ट्रिक्ट में वांटेड चल रहा था। अपने कारनामों को अंजाम देने के बाद मुम्बई में शरण ले रखी थी। लेकिन सोमवार को इलाहाबाद आकर फंस गया। एसटीएफ ने उसे सर्विलांस की मदद से दबोच लिया।

पांच बदमाशों का पूरा गैंग

पुलिस रिकार्ड के मुताबिक भंडारी यादव उर्फ राम कृपाल यादव प्रतापगढ़ डिस्ट्रिक्ट का रहने वाला है। जरायम की दुनिया में कदम रखने के बाद उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर पूरा गैंग बना लिया। लूट और मर्डर केस में उसका नाम आया। देखते ही देखते जौनपुर और प्रतापगढ़ में भंडारी के खिलाफ क्म् मामले दर्ज हो गए। पुलिस सोर्सेज की माने तो भंडारी के गैंग में मुलायम सिंह यादव, राम सिंह, अशोक यादव और संजय मिश्रा शामिल हैं। इन बदमाशों ने मिलकर कई सनसनीखेज घटनाओं को अंजाम दिया। बदमाशों के नाम प्रकाश में आने के बाद आईजी इलाहाबाद ने इन पर इनाम घोषित कर दिया। मुलायम को एसटीएफ ने पकड़ लिया जबकि राम सिंह को डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने पकड़कर जेल भेजा। उसके बाद तीनों बदमाशों पर शासन की ओर से भ्0-भ्0 हजार रुपए का इनाम घोषित हो गया।

एसटीएफ ने सटीक समय पर दबोचा

इलाहाबाद एसटीएफ प्रभारी सीओ प्रवीण सिंह चौहान की टीम ने कुछ दिन पहले ही मुलायम सिंह को अरेस्ट किया था। मुलायम से पुलिस को कई जानकारी मिली थी। सर्विलांस की मदद से एसटीएफ जांच में जुटी थी। तभी उसके रडार पर भंडारी यादव की लोकेशन मिल गई। रात में पुलिस ने घेराबंदी करके झूंसी एरिया से भ्0 हजार रुपए के इनामी भंडारी यादव को दबोच लिया। भंडारी के पास से पुलिस ने पिस्टल भी बरामद की है। इस आपरेशन में एसटीएफ के सब इंस्पेक्टर केशव राय, अजय सिंह और अतुल सिंह शामिल रहे।

एक जगह नहीं रहते

पुलिस सोर्सेज की माने तो रंगदारी वसूल करना इन बदमाशों का पेशा बन गया था। ज्यादातर व्यापारियों को डरा धमका कर उनसे रुपए वसूल करते थे। जब दो तीन बार धमकी देने के बाद भी रुपए नहीं मिलते थे तो उक्त व्यापारी को टारगेट बनाते थे। वारदात को अंजाम देने के बाद से सभी बदमाश यूपी छोड़कर भाग निकलते थे। मुम्बई में शरण लेते थे और वहां कुछ दिन रहने के बाद गुजरात और फिर दिल्ली भाग जाते थे।

क्राइम हिस्ट्री

क्-प्रतापगढ़ पट्टी थाना -फ्ख्फ्, फ्भ्ब् व भ्0ब् आईपीसी

ख्-प्रतापगढ़ पट्टी थाना-फ्0ख् आईपीसी

फ्-प्रतापगढ़ में गैंगेस्टर एक्ट

ब्-प्रतापगढ़ में क्क्0 जी के तहत कार्रवाई

भ्-प्रतापगढ़ पट्टी में फ्9ख् व ब्क्क् आईपीसी

म्-प्रतापगढ़ पट्टी में फ्9ख् व ब्क्क् आईपीसी

7-प्रतापगढ़ पट्टी में फ्9ख् व ब्ख्7 आईपीसी

8-प्रतापगढ़ में गुण्डा अधिनियम

9-जौनपुर सिकरारा थाने में फ्9ब् व ब्क्क् आईपीसी

क्0-जौनपुर सिकरारा में फ्79 आईपीसी

क्क्-जौनपुर सिकरारा में आ‌र्म्स एक्ट

क्ख्-जौनपुर सिकरारा में फ्07, फ्9ब् व क्ख्0 बी आईपीसी

क्फ्-जौनपुर सिगरामऊ थाने में फ्0ख्, फ्07, फ्9ब्, क्ख्0 बी आईपीसी

क्ब्-जौनपुर आसुपुर देवसरा फ्9भ् आईपीसी

क्भ्-प्रतापगढ़ पट्टी में फ्87, भ्क्क् आईपीसी

क्म्-जौनपुर सुजानगंज फ्0ख्, फ्9ब् आईपीसी

क्7-झूंसी से आ‌र्म्स एक्ट के तहत अरेस्टिंग