- पिपराइच रेलवे स्टेशन पर पकड़ा गया 25 हजार का ईनामी

- 10 साल पहले दुकानदार की हत्या कर फैलाई थी सनसनी

Gorakhpur@inext.co.in
GORAKHPUR: सिपाहियों को नशे की गोलियां पिलाकर नौ साल पहले फरार हुआ शातिर बदमाश बृजेश सिंह उर्फ पिंटू सिंह मठों और आश्रमों में वेष बदलकर छिपा हुआ था। रविवार को पुलिस ने पिपराइच रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक से उसे अरेस्ट किया। उसके पास से एक तमंचा और कारतूस बरामद हुआ। एसएसपी ने बताया कि फरार पिंटू सिंह ने 28 सितंबर वर्ष 2008 में रिचार्ज के विवाद में नंदानगर के दुकानदार यशवंत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद कानून-व्यवस्था खराब हो गई। पिंटू सिंह और उसके भाई सिंटू सिंह को अरेस्ट किया गया। दोनों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई भी हुई। पेशी से लौटते समय सिपाहियों को चकमा देकर पिंटू फरार हो गया था। तब उसके खिलाफ 25 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया गया।

नंदानगर में बढ़ाई धमक, फैलाई खूब दहशत
कुशीनगर जिले के बरवाबाबू निवासी पिंटू सिंह नंदानगर में अपने भाई के साथ रहकर कारोबार करता था। शाहपुर थाना में मारपीट, बलवा, गुंडा एक्ट सहित कई मामलों में सिंटू के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। वर्ष 2008 में पिंटू ने एक दुकानदार की गोली मारकर हत्या कर दी। इस मामले में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। लेकिन नौ फरवरी 2010 को देवरिया जेल से पेशी पर आते समय पुलिस कर्मचारियों चाय में नशीली गोली पिलाकर वह फरार हो गया। पुलिस से भागकर वह नेपाल के नारायणघाट, सीतामढ़ी में पहुंचा। दरभंगा के ललित किशोरी आश्रम में छिपने के लिए पिंटू ने अपना नाम बदलकर नवीन रख लिया। मठ के साधु की सेवा में रहकर साधुओं की टोली में शामिल हो गया। कुछ दिनों तक वृंदावन के सुदामा कुटी में शरण ली तो मधुबनी सहित कई जगहों पर छिपने के लिए पहुंचा। इस बीच वह गोरखपुर भी आता-जाता रहा। रविवार को उसकी लोकेशन पिपराइच रेलवे स्टेशन पर मिली। क्राइम ब्रांच की सूचना पर घेराबंदी कर पिपराइच पुलिस ने उसे पकड़ लिया।

मददगारों की तलाश में जुटी पुलिस, होगी कार्रवाई
शातिर पिंटू सिंह उर्फ बृजेश सिंह के खिलाफ शाहपुर, कैंट और कुशीनगर जिले के अहिरौली बाजार में मुकदमे दर्ज हैं। वर्ष 2000 में पुरानी रंजिश को लेकर पिंटू सिंह ने गांव के श्याम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मर्डर के बाद पिंटू ने नंदानगर में अपना नया ठिकाना बना लिया। मनबढ़ पिंटू ने कम समय में अपना नेटवर्क खड़ा लिया। पुलिस का कहना है कि पुलिस अभिरक्षा से फरारी के बाद पिंटू को सीतामढ़ी के सोनाखान में रहने वाले उसके मामा मुद्रिका सिंह ने शरण दी। दो साल पूर्व नंदानगर के दुकानदार की शॉप में झोला रखकर फंसाने की कोशिश हुई थी। तब पुलिस की जांच में सामने आया था कि मुकदमे में समझौते के लिए झोले में कारतूस छिपाया गया था। एसएसपी ने कहा कि गोरखपुर में पिंटू सिंह से जुड़े लोगों की लिस्ट खंगाली जाएगी। इनकी मदद करने वाले पुलिस कर्मचारियों पर शिकंजा सकने के लिए रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।