- पुलिस के सामने एक-दूसरे पर आरोप मढ़ते रहे

- अन्य मरीजों ने वार्ड ब्वाय को ठहराया कसूरवार, बोले लाइन से खींच कर मारा थप्पड़

बरेली : जिला अस्पताल आम जन को सुविधाएं देने में तो पहले से फेल है, अब यहां तैनात कर्मचारी मरीजों से अभद्रता और मारपीट करने से भी नहीं चूक रहे हैं. ऐसा ही एक मामला जिला अस्पताल में फ्राइडे को सामने आया. ओपीडी में डॉक्टर के केबिन के बाहर लाइन में खड़े मरीज को वार्ड ब्वॉय ने थप्पड़ जड़ दिया और फिर खुद ही शिकायत लेकर अस्प्ताल स्थित पुलिस चौकी पर पहुंच गया. इस पर पुलिस मरीज को चौकी ले गई तो लाइन में खड़े अन्य मरीज उसके साथ पुलिस चौकी पहुंच गए. मरीजों का कहना था कि थप्पड़ मरीज ने नहीं बल्कि वार्ड ब्वाय ने मारा था. इसे लेकर काफी देर हंगामा होता रहा. करीब एक घंटे चले हंगामे के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाकर शांत करा दिया.

पहले धक्का दिया फिर मारा थप्पड़

रिछा के मोहल्ला गौटिया निवासी इम्तियाज तबियत खराब होने पर फ्राइडे को जिला अस्पताल पहुंचा. पर्चा बनवाने के बाद वह ओपीडी में कमरा नंबर सात के बाहर लगी मरीजों की लाइन में लग गया. इम्तियाज का आरोप है कि वह लाइन में लगा था इसी दौरान डॉक्टर के कमरे के अंदर से वार्ड ब्वाय देव निकलकर बाहर आया और लाइन में लगे मरीजों को तेजी से धक्का देकर पीछे हटने को कहने लगा. जब इस व्यवहार का उसने विरोध किया तो देव ने जोरदार तमाचा जड़ दिया और भागकर तेजी से अस्पताल स्थित चौकी में शिकायत करने चला गया. पुलिस ने दोनों को चौकी में बैठाकर मामले का समझौता करा दिया.

आरोप को बताया निराधार

मामले में वार्ड ब्वॉय देव का कहना है कि उस पर जो आरोप लगाए जा रहे है वह निराधार हैं मैंने किसी को कोई धक्का नहीं मारा, उल्टा मरीज ने मेरे थप्पड़ मारा है.

क्या कहना है प्रत्यक्षदर्शियों का

.वार्ड ब्वाय ने महिलाओं को भी तेजी से धक्का दिया था, इम्तियाज पर थप्पड़ मारने का झूठा आरोप लगा है, वार्ड ब्वाय ने ही उसको थप्पड़ मारा था.

शशि चंद्रा.

2. सरकारी कर्मचारी मरीजों से ठीक से बात तक नहीं करते हैं, अगर कोई पूछताछ करनी हो तो अभद्रता करने लगते हैं. ऐसा ही आज हुआ, मेरे सामने ही वार्ड ब्वॉय एक युवक के थप्पड़ जड़ दिया.

रुखसाना.

वर्जन --

मामले की शिकायत मिली है. वार्ड ब्वाय को बुलाकर पूछताछ की तो वह बोल रहा है कि उसको थप्पड़ मारा है मामले की जांच कराई जाएगी. अगर वार्ड ब्वाय दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

डॉ. केएस गुप्ता, एडीएसआईसी.