दरअसल फ़्रांस में खबरें आम थीं कि पेरिस की भूमिगत रेल में एक महिला का आई-फ़ोन चुराने की कोशिश करते एक मिस्री मूल के चोर से 33 वर्षीय राजिंदर सिंह भिड़ गए और फ़ोन वापस लेने की कोशिश की।

इस हाथापाई के दौरान चोर ने उन्हें डिब्बे से बाहर खींच लिया और रेलवे-ट्रैक पर धकेल दिया। ट्रैक पर बिजली का करंट मौजूद होने से मौके पर ही राजिंदर सिंह की मौत हो गई।

इस घटना के बाद राजिंदर फ्रांस के हीरो बन गए और उनके साथ आम लोगों की संवेदनाएं जुड़ गई। हज़ारों की संख्या में लोगों ने ट्विटर पर इस घटना को लेकर अपनी प्रतिक्रियाएं ज़ाहिर कीं।

भारी उलटफेर

लोगों में राजिंदर सिंह के लिए संवेदनाएं बढ़तीं जा रहीं थीं दूसरी तरफ पुलिस पूरी ताकत से तफ़्तीश में लग गई और वो मिस्री आदमी पकड़ा गया। पुलिस ने इस बीच सीसी टीवी की फुटेज देखने पर पाया गया कि दरअसल राजिंदर सिंह और उनके दोस्त नशे में थे और उस मिस्री आदमी को पीट रहे थे।

पेरिस में मौजूद द हिन्दू की पत्रकार वैजू नरावने ने बताया कि जज और पुलिस ने इस फुटेज को देखने के बाद कहा है की देखने से तो यही लगता है कि सारी गलती राजिंदर सिंह की थी और वो मिस्री आदमी तो महज़ अपनी जान बचा रहा था।

वैजू ने फ़्रांस की केंद्रीय सरकार के उन दो मंत्रियों से भी बात करने का प्रयास किया जिन्होंने राजिंदर सिंह को उस जगह जा कर श्रद्धांजलियाँ दी थीं जहाँ उनकी मौत हुई थी। वैजू नरावने के अनुसार दोनों ही ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।

अब पुलिस को उस महिला की तलाश है, जिनके फ़ोन की चोरी को राजिंदर बचाना चाहते थे क्योंकि उस महिला की गवाही इस केस में अहम होगी लेकिन जांचकर्ताओं को शक हो चला है कि ऐसी कोई महिला थी ही नहीं क्योंकि सीसीटीवी में कहीं किसी महिला की कोई तस्वीर नहीं है।

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