दरअसल, रोडवेज की चेकिंग दल का यह दावा है कि गोरखपुर रीजन में कोई कंडक्टर बिना टिकट यात्रा नहीं करा रहा है, क्योंकि चेकिंग व्यवस्था चुस्त है। लेकिन ज्यादातर असिस्टेंट ट्रेवलिंग इंस्पेक्टर को रूट पर चेकिंग की बजाय उनसे सवारियां भरवाई जा रही हैं। गोरखपुर रीजन के एआरएम की माने तो ज्यादातर एटीआई और टीआई रूट पर बस की चेकिंग कराने की बजाय बस अड्डे पर ही ड्यूटी करना ज्यादा उचित समझते हैं। गोरखपुर डिपो के एटीआई और टीआई तो बकायदा बस अड्डे पर ही प्रत्येक गाडिय़ों से वसूली कर लेते हैं, जिसके चलते कंडक्टर भी डंके की चोट पर यात्रियों से वसूली करते हैं। लेकिन रोडवेज प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है।