क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: राजधानी में सफाई एजेंसी की कार्यशैली का खामियाजा पूरा शहर भुगत रहा है. इसकी भरपाई करने के लिए रांची नगर निगम ने सफाई तो अपने हाथों में ले ली है. लेकिन सिटी की सफाई को लेकर नगर निगम की अपनी तैयारी भी फेल हो गई है. स्थिति यह है कि वेस्ट कलेक्शन ठप हो गया है और जगह-जगह कचरे का अंबार लगा है. चूंकि वेस्ट कलेक्शन के लिए नगर निगम के पास पर्याप्त संसाधन की भी कमी है. इसके बावजूद नगर निगम ने बिना वैकल्पिक व्यवस्था के ही सफाई एजेंसी को काम से हटा दिया. अब सवाल यह उठता है कि आखिर नगर निगम और एजेंसी की लड़ाई का खामियाजा पब्लिक कब तक भुगतेगी?

टर्मिनेशन पूरा होने के बाद आधी गाडि़यां

सफाई का काम कर रही एजेंसी के टर्मिनेशन को लेकर प्रस्ताव पर नगर निगम परिषद ने मुहर लगा दी है. इसके बाद प्रस्ताव को मंजूरी के लिए नगर विकास विभाग को भेज दिया गया है. अब टर्मिनेशन पूरा होने के बाद ही नगर निगम को एजेंसी से संसाधन मिलेंगे. चूंकि एग्रीमेंट के अनुसार नगर निगम को वेस्ट कलेक्शन वाली आधी गाडि़यां हैंडओवर हो जाएंगी. इसके बाद सिटी में सफाई व्यवस्था में सुधार आएगी.

वेस्ट यूजर चार्ज पूरा, कचरा आधा भी नहीं उठता

डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन के लिए नगर निगम सिटी के लोगों से यूजर चार्ज वसूलता है. लेकिन उसके बदले में घर और दुकानों से आधा कचरा भी नहीं उठता. इस वजह से लोग भी अब यूजर चार्ज देने के मूड में नहीं हैं. वहीं कलेक्शन नहीं होने की स्थिति में टैक्स कलेक्शन वालों को लौटा भी दिया जा रहा है. बताते चलें कि सिटी में हर दिन 550 मीट्रिक टन कचरा निकलता है. लेकिन कचरा उठाव के लिए प्रॉपर व्यवस्था ही नहीं है.

वर्जन

हमलोग अपनी गाडि़यों के अलावा रेंट पर भी गाडि़यां लेकर सफाई कर रहे हैं. हमारी कोशिश है कि शहर को साफ रखा जाए. एजेंसी तो पहले से ही काम करने के मूड में नहीं थी. इसलिए तो इसबार सिटी की रैंकिंग फिसल गई.

डॉ. किरण कुमारी, असिस्टेंट हेल्थ ऑफिसर, आरएमसी