1990 में तत्कालीन मेयर ने बनाई थी गावड़ी में प्लांट की योजना

Meerut। शहर की विकट होती कूड़ा निस्तारण की समस्या के निस्तारण की एकमात्र आस गावड़ी भी अब खत्म होती नजर आ रही है। निगम की लापरवाही के चलते गावड़ी में 28 साल से कूड़ा निस्तारण प्लांट की योजना केवल बातों और वादों तक सीमित है। मूलभूत रूप से न तो प्लांट का काम शुरू हो सका है और न ही काम शुरू होने की कोई उम्मीद नजर आ रही है।

शुरू हुई थी योजना

साल 1990 में तत्कालीन मेयर अरुण जैन ने गावड़ी में कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने की योजना का प्रस्ताव रखा था। योजना थी, शहर का कूड़ा एकत्र कर गावड़ी प्लांट से बिजली उत्पन्न करने की। हालांकि यह योजना केवल कागजों और प्रस्तावों तक सीमित हो कर रह गई।

गत वर्ष हुआ शिलान्यास

गावड़ी में प्लांट की योजना को गत वर्ष उस समय हवा मिली जब हैदराबाद की कंपनी से निगम ने कूडे़ से खाद बनाने का एग्रीमेंट कर जनवरी माह में गावड़ी में प्लांट का शिलान्यास कर दिया। इस शिलान्यास के बाद अप्रैल तक गावड़ी में प्लांट खुलने की उम्मीद में कूड़े पर कूड़ा एकत्र होता रहा लेकिन प्लांट का काम शुरू होने से पहले ही एग्रीमेंट निरस्त हो गया।

मंगतपुरम और गावड़ी बना परेशानी

नगर निगम ने शहर के कूड़े के निस्तारण के लिए गावड़ी और मंगतपुरम में प्लांट की योजना बनाई थी। योजना के तहत सालों से शहर का कूड़ा एकत्र कर दोनों जगह पर कूडे़ का पहाड़ तो लगा दिया गया लेकिन निस्तारण की योजना पर निगम गंभीर नहीं हुआ। अब मंगतपुरम का मामला हाईकोर्ट से निरस्त हो चुका है और गावड़ी में अभी प्लांट संचालन के लिए कंपनी की तलाश की जा रही है।

गांवडी में प्लांट की शुरुआत के लिए हाई कमेटी के पास प्रस्ताव भेजा जा चुका है। जल्द गावड़ी में प्लांट की शुरुआत होगी।

अली हसन कर्नी, अपर नगरायुक्त

कूड़ा निस्तारण पर घिरा निगम

शहर से कूड़ा निस्तारण के मामले नगर निगम हर तरफ से बुरी तरह फंस चुका है। दरअसल, निगम को एनजीटी में दायर याचिका पर बुधवार को जवाब देना है तो गुरुवार को मंगतपुरम मामले में नगरायुक्त को हाईकोर्ट में जवाब-तलब किया गया है। इसके अलावा गावड़ी में किसानों ने कूडे़ के विरोध में प्रदूषण विभाग को पत्र जारी कर कार्रवाई की मांग की है।

निगम पर दाेहरी मार

कल यानी छह सितंबर नगर निगम के लिए भारी साबित हो सकती है। नगरायुक्त मनोज चौहान को छह सितंबर को मंगतपुरम कूड़ा स्थल के निस्तारण के मामले में हाईकोर्ट की अवमानना मामले जवाब देना हैं। दरअसल, हाईकोर्ट ने मंगतपुरम से कूड़ा हटाने के लिए गत माह तक का समय दिया था लेकिन निगम मंगतपुरम में कूड़ा नहीं हटा सका। इस मामले में कोर्ट ने अवमानना नोटिस जारी कर छह सितंबर तक का समय दिया था लेकिन अभी तक ना तो निगम ने मंगतपुरम से कूड़ा उठाना शुरू किया है और न ही कि कहीं ओर कूड़ा डालने की व्यवस्था हो सकी है। वहीं छह सितंबर तक यदि निगम गावड़ी में कूड़ा निस्तारण प्लांट शुरू नही करता तो ग्रामीणों ने महापंचायत की घोषणा कर रखी है।

एक्श्ान की मांग

उधर गावडी में कूड़ा डालने के विरोध में आसपास के आधा दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों ने क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी को पत्र लिखकर गावड़ी में बिना एनओसी के कूडे़ का ढेर लगाने के मामले में कार्यवाही की मांग की है। ग्रामीणों ने कहा कि जब प्रदूषण विभाग से कूडे़ की एनओसी नहीं जारी की गई तो निगम कैसे प्रदूषण फैला रहा है।

एनजीटी में सुनवाई आज

शहर में जगह-जगह कूडे़ का ढेर लगाने के मामलें आरटीआई एक्टीविस्ट लोकेश खुराना की याचिका पर नगर निगम और प्रदूषण विभाग को एनजीटी कोर्ट में बुधवार को जवाब दाखिल करना है। ऐसे में कूड़े के सामने बेबस निगम और प्रदूषण विभाग दोनों को इस मामले में एनजीटी कोर्ट से कड़ी फटकार लग सकती है।

हटाना होगा कॉलोनियों से कूड़ा

कूड़ा निस्तारण में लगातार पिछड़ रहे मेरठ को लेकर सरकार गंभीर है। नगर निगम के साथ-साथ नगर विकास विभाग ने एमडीए को भी आवासीय कॉलोनियों में कूड़ा निस्तारण के निर्देश दिए है। नगर विकास विभाग ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड हैंडलिंग रूल्स 2016 (संशोधित) के संबंध में एमडीए समेत सूबे के सभी स्थानीय निकायों को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के निर्देश ि1दए हैं।

कॉलोनियों से हटाना होगा कूड़ा

शासन की ओर से जारी निर्देश में मेरठ विकास प्राधिकरण को अब आवासीय कॉलोनियों में कूड़ा उठान की व्यवस्था करनी होगी। जिन कॉलोनियों का हैंडओवर नहीं किया गया है उनमें एमडीए को अपने संसाधनों से डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करने और उसे डंपिंग ग्राउंड तक पहुंचाना होगा। गौरतलब है कि अभी तक एमडीए की ओर से कॉलोनियों में कूड़ा उठाने और उसे डंपिंग ग्राउंड तक ले जाने की व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में नगर निगम, एमडीए की आवासीय कॉलोनियों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर लापरवाही बरत रहा था तो वहीं इन कॉलोनी के निवासियों को कड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।

शासन की ओर से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड हैडलिंग रूल्स-2016 लागू कर दिया गया है। इस संबंध में शासन के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभाग को आदेश दिए गए हैं। फिलहाल नगर निगम अपने संसाधनों से आवासीय कॉलोनियों का कूड़ा उठा रहा है।

साहब सिंह, उपाध्यक्ष, एमडीए