- बाकरगंज में कूड़ा निस्तारण प्लांट का अब तक ट्रायल भी नहीं हो सका सफल

BAREILLY:

शहर में लगातार कूड़े की समस्या विकराल होती जा रही है। वहीं बाकरगंज में कूड़ा निस्तारण के लिए लगाए गए प्लांट का ट्रायल हर बार फेल हो रहा है। अब एक बार फिर प्लांट लगा रही कंपनी ने इसके ट्रायल की तैयारी की है। दावा किया जा रहा है कि इस बार ट्रायल जरूर सफल होगा। वहीं प्लांट के डायरेक्टर अब बाकरगंज के लोगों को इस कूड़े के पहाड़ पर ही नौकरी के सब्जबाग दिखा रहे हैं।

बरेली शहर में स्वच्छता अभियान के लिए सबसे बड़ा रोड़ा खुद नगर निगम ही साबित हो रहा है। शहर के निकलने वाले कूड़े को डंप करने के लिए बाकरगंज में बनाए गए कूड़ा निस्तारण प्लांट सबसे हाथी बनता जा रहा है। इसको बनाने में अभी तक करीब 2 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, मगर स्थिति जस की तस है। कूड़े का पहाड़ दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है, लेकिन उसके निस्तारण के लिए नगर निगम की सारी प्लानिंग फेल होती जा रही है। कूड़ा निस्तारण प्लांट अब बंद होने की कगार पर है। लेकिन इसको मानने के लिए न तो नगर निगम तैयार है और न ही इसको बनाने वाले अमेजो कंपनी के डायरेक्टर परमवीर। वहीं डायरेक्टर का कहना है कि वह जल्द ही लोगों को रोजगार भी देंगे।

अलग-अलग कराएंगे कूड़ा

प्लांट लगा रही अमेजो कंपनी के डायरेक्टर परमवीर का कहना है कि बाकरगंज के आसपास के लोगों को अब यहीं रोजगार भी देंगे। यहां पड़े कूड़े में से सभी तरह का कूड़ा जैसे प्लास्टिक, लोहा, कपड़े आदि अलग-अलग कराया जाएगा। इसके बाद इस कूड़े का निस्तारण अलग-अलग तरीके से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कूड़ा छांटने में लगाए गए लोगों को उनके द्वारा छांटे गए कूड़े के वजन के हिसाब से मेहनाताना दिया जाएगा।

11 को फिर से होगा ट्रायल

प्लांट को बनाने वाली कंपनी के डायरेक्टर परमवीर ने बताया कि 11 फरवरी को प्लांट का ट्रायल किया जाएगा। बरेली शहर का टेंपरेचर कम होने की वजह से अभी तक प्लांट शुरू नहीं हो सका है। बाकरगंज के स्थानीय लोगों का कहना है यहां पर कई महीनों से धीरे-धीरे इसी तरह से काम चल रहा है। लगता नहीं है कि प्लांट शुरू भी हो पाएगा।

30 नवंबर को होना था उद्घाटन

बाकरगंज के कूड़ा निस्तारण प्लांट का उद्घाटन 30 नवम्बर को नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना के हाथों होना था, लेकिन ट्रायल फेल हो जाने से उद्घाटन नहीं हो सका। इसके बाद प्लांट का दो बार फिर से ट्रायल किया, लेकिन वो भी फेल हो गया।

ऐसे होता रहा काम

नगर निगम के अनुसार प्लांट को अगस्त 2018 में शुरू करना था, लेकिन बारिश की वजह से शुरू नहीं हो सका। सितम्बर 2018 में किसी तरह से मशीनें फील्ड तक पहुंच गई, फिर अक्टूबर में मशीनों को लगाने का काम शुरू किया गया। नंवबर में उद्घाटन से पहले ही ट्रायल में मशीनों से धुआं निकलने लगा और ट्रायल फेल हो गया।