RANCHI: सिटी में कड़ाके की ठंड पड़ रही है लेकिन एक तबका ऐसा है जो अभी से गर्मी को लेकर तैयारी में जुटा है। गर्मी के दिनों में पानी की होने वाली किल्लत और ग्राउंड वाटर लेवल काफी नीचे जाने के कारण सिटी के कई इलाकों में बोरिंग फेल हो जाती है। ऐसे में दिसम्बर से लेकर मार्च के बीच कई लोग ऐसे हैं जो अपने हाते में बोरिंग करवाने की जुगत में हैं। इसमें सबसे बड़ा ग्रुप कुछ बिल्डर्स का है जिनकी साइट पर देर रात बोरिंग की गाडि़यां घुस रही हैं और धड़ल्ले से सुबह तक बोरिंग की जा रही है। इन इलाकों को हेवी ड्राई जोन में चिन्हित किया गया था जिसे देखते हुए नगर निगम ने इन इलाकों में डीप बोरवेल कराने पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। नगर निगम की डीप बोरवेल की अनुमति देने वाली कमेटी ने भी ड्राई जोन वाले इलाकों में एक भी डीप बोरवेल की परमिशन नहीं देने का सुझाव दिया। नगर निगम इलाके के भीतर 6 इंच बोरिंग की परमिशन नहीं है लेकिन तमाम आदेशों को ताक पर रख गैरकानूनी तरीके से बोरिंग की जा रही है। न तो अनुमती ली जा रही है न ही ग्राउंड वाटर लेवल के गिरते स्तर का खयाल रखा जा रहा है।

स्थानीय नेता व थाने मैनेज

सिटी में कुछ खास लोगों की गाडि़यां ही बोरिंग का काम कर रही हैं। इन बोरिंग वालों का काम है थाना, स्थानीय पार्षद समेत सभी मोहल्ला लेवल नेताओं को मैनेज कर बोरिंग कराना। इसके लिए 20 हजार से 50 हजार तक रुपए भी वसूले जा रहे हैं। थाना मैनेज रहने के कारण कई बार स्थानीय लोग फोन करते-करते थक जा रहे हैं लेकिन पुलिस देर रात मौके पर नहीं पहुंचती और सुबह तक बोरिंग का काम पूरा कर लिया जाता है।

बिल्डर्स के प्रोजेक्ट को ज्यादा जरूरत

सिटी के मोरहाबादी, कांके रोड, लालपुर, व‌र्द्धवान कंपाउंड समेत कई इलाके पूरी तरह ड्राई जोन में कन्वर्ट हो चुके हैं। वर्ष 2016 में ही इन इलाकों में 6 इंच बोरिंग की मनाही हो गई है और केवल 4 इंच बोरिंग की अनुमती है। लेकिन उसके बावजूद धड़ल्ले से बिल्डिंग बनाई जा रही हैं। पानी का लेवल गर्मी के दिनों में नीचे चला जाएगा इसलिए ठंड में ही बोरिंग कराकर उसे सक्सेस दिखाया जाता है कि प्रोजेक्ट में पानी की कोई कमी नहीं है। हालांकि, सच्चाई यह है कि गर्मी के दिनों में पानी पूरी तरह ड्राई हो जाता है।

कांके, धुर्वा में 400 फ ट नीचे जल स्तर

झारखंड में भूगर्भ जल के अत्यधिक नीचे जाते स्तर पर केंद्रीय भू-जल प्राधिकरण ने चिंता जताई है। राजधानी रांची के कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां ग्राउंड वाटर की स्थिति बहुत खराब हो गई है। सिटी के कई ऐसे इलाके हैं जहां बोरिंग कराने पर पहले 50 से 100 फ ट में पानी मिल जाता था, लेकिन अब 200 से 700 फीट तक बोरिंग कराने के बाद भी पानी नहीं निकलता है। यदि कहीं निकलता भी है तो छह माह से एक वर्ष के अंदर बोरिंग फेल हो जाती है।

ग्राउंड वाटर की स्थिति

बरियातू जोन 200 से 250 फीट

कांके जोन 500 से 600 फीट

हरमू जोन 150 से 200 फीट

धुर्वा जोन 500 से 700 फीट

तुपुदाना जोन 600 से 700 फीट

रातू रोड जोन 300 से 400 फीट

वर्जन

नगर निगम से बिना अनुमती कोई भी अगर बोरिंग करा रहा है तो यह पूरी तरह गैरकानूनी है। स्थानीय थाना को इसपर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। स्थानीय लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है। क्योंकि पानी की किल्लत से उन्हीं लोगों को भारी परेशानी होती है।

मनोज कुमार, नगर आयुक्त, रांची नगर निगम