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RANCHI : तालाब का नाम सुनते ही हर किसी के जेहन में यह बात आती है कि लबालब पानी भरा होगा. लेकिन रांची में बहु बाजार चौक स्थित बनस तालाब में आपको पानी नहीं पत्थर ही पत्थर नजर आ रहा है. जबकि कभी इस तालाब को आसपास के लोग नहाने, कपड़ा धोने सहित अन्य जरूरी कामों के लिए इस्तेमाल करते थे. लेकिन, रांची नगर निगम द्वारा यहां कंक्रीट का निर्माण किए जाने के बाद पानी कम हो गया है और इसका खामियाजा आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

पानी की समस्या हुई विकराल

शहर में पानी की समस्या यूं ही विकराल रूप नहीं ले रही है. कई तालाबों और नदियों के अस्तित्व के समाप्त होने के कारण यह स्थिति पैदा हो रही है. कई छोटी नदियों का अस्तित्व ही खत्म हो गया, तो कई तालाबों का नामोनिशान नहीं बचा. बात सिर्फ शहर के तालाब और नदियों की नहीं है. भूमिगत जल की भी स्थिति खराब है. ग्राउंड वाटर ना‌र्म्स यह कहता है कि क्षेत्र में भूमिगत स्रोत से जितना पानी निकाला जाए, उससे 200 प्रतिशत अधिक का रिचार्ज होना जरूरी है. शहर के कई इलाकों में 500 से 700 फ ट बोरिंग हो रही है, लेकिन पानी नहीं निकल रहा है.

अंग्रेजों के जमाने में बना था तालाब

कुछ पुराने लोग बताते हैं कि बनस तालाब का निर्माण अंग्रेजों के समय में ही किया गया था. बाद में क्रिश्चियन सामाज के लोगों की देखरेख में यह तालाब रहने लगा. लोग तालाब के मुहाने पर अपना आशियाना बनाकर रहा करते थे. बनस तालाब के आसपास बहुत सारे लोगों का अशियाना हुआ करता था. नगर निगम द्वारा तालाब को कंक्रीट में बदलने के कारण लोगों को वहां से शिफ्ट कर दिया गया. अब पिछले कई सालों से इस तालाब में पानी लबालब नहीं भर पाया है. पानी नहीं रहने के कारण आसपास के लोग, जो जरूरत का पानी कभी इस्तेमाल करते थे वह भी नहीं कर पा रहे हैं.