क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: शहर में तालाबों के संरक्षण के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए, लेकिन देखरेख के अभाव में ये नरक बन गए हैं. जेल चौक स्थित तालाब कभी आसपास के लोगों के लिए पानी का बहुत बड़ा सोर्स हुआ करता था. लेकिन जब से इस तालाब को नगर निगम ने संवारना शुरू किया, लोगों की परेशानी बढ़ गई. कंक्रीट का तालाब तैयार होने के बाद एक तो पानी का लेबल पाताल में चला गया ऊपर से आसपास का सारी गंदगी इसी तालाब में फेंकी जा रही है. आलम यह है कि लोग तालाब के किनारे तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. कभी हजारों लोगों की पानी की जरूरत पूरा करने वाला यह तालाब अब समस्या बन गया है.

कंक्रीट से जकड़ दिया

जेल मोड़ स्थित इस तालाब को चारों तरफ से कंक्रीट द्वारा जकड़ दिया गया है. शहर स्थित कई तालाब सौंदर्यीकरण की भेंट चढ़ रहे हैं. विभिन्न वाडरें में स्थित छोटे-छोटे तालाबों को कंक्रीट की दीवार से जकड़ कर नगर निगम ने बर्बाद कर दिया है. जिस तालाब में गर्मी में भी पानी रहता था अब वो जाड़े के मौसम में ही सूखा रहता है. जेल मोड़ स्थित इस तालाब में पहले पानी लबालब भरा रहता था, लेकिन अब यहां गंदगी का अंबार लग गया है.

करोड़ों खर्च के बाद भी पानी नहीं

शहर में तालाबों को सुंदर बनाने के नाम पर करोड़ों रूपए खर्च किये गए लेकिन उसमें पानी ही नहीं बचा. सरकारी तालाबों के संरक्षण के लिए नगर निगम ने सौंदर्यीकरण की योजना तैयार की. करोड़ों रुपए खर्च कर दिए गए. बड़ा तालाब के सौंदर्यीकरण पर भी करीब 14 करोड़ रुपए खर्च हो गए. लेकिन तालाबों के संरक्षण के नाम पर अफसरों ने नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के बजाय कंक्रीट की दीवार खड़ी कर दी. इस वजह से तालाब में पानी का प्राकृतिक स्रोत ही खत्म हो गया.

इन तालाबों की हालत भी दयनीय

जोड़ा तालाब, बनस तालाब, धुमसा टोली तालाब, चुटिया तालाब, मधुकम तालाब, दिव्यायन तालाब, जेल तालाब, अरगोड़ा तालाब सौंदर्यीकरण से पहले ही गर्मी में सूख जाता है. सौंदर्यीकरण के बाद ये तालाब सूखने लगे हैं, ऐसी ही स्थिति आने वाले समय में बड़ा तालाब की होगी. कभी इन तालाबों पर हजारों लोगों की पानी की जरूरत पूरी होती थी. लेकिन अब ये खुद हाशिए पर हैं.