- बोदला चौराहा मेन राइजिंग की मरम्मत शुरू नहीं हुई

- जीवनी मंडी वाटर व‌र्क्स प्लांट से भी आपूर्ति ठप

आगरा. शहर में एक तरफ लोग पानी के लिए तरस रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर लाखों लीटर पानी नाले और सड़कों में बह रहा है. जलकल विभाग के अफसरों की उदासीनता के चलते अब शहर में दोहरा पेयजल संकट गहरा गया है. बोदला चौराहा स्थित मेन राइजिंग पाइपलाइन की मरम्मत 15 दिन बाद भी शुरू नहीं हो सकी है. वहीं दूसरी ओर जीवनी मंडी स्थित वाटर व‌र्क्स प्लांट से भी पेयजल आपूर्ति ठप बनी हुई है. पेयजल आपूर्ति के व्यवधानों के कारण शहर में चौतरफा पेयजल संकट खड़ा हो गया है.

पेयजल आपूर्ति में टेस्टिंग का रोड़ा

जीवनी मंडी वाटर व‌र्क्स प्लांट पर तीन प्लांट लगे हुए हैं. इनमें पहला और दूसरा प्लांट 90 एमएलडी का है और एक प्लांट 45 एमएलडी का है. 90 एमएलडी के एक प्लांट का जल निगम द्वारा रेन्यूवेशन कराया है. इसको वोल्टास कंपनी द्वारा किया गया है. ये तैयार तो हो गया, लेकिन अभी टेस्टिंग मोड़ के चलते ये पूरी तरह से काम नहीं कर पा रहा है. इसके चलते इससे पेयजल आपूर्ति नहीं हो पा रही है. हालात ये हैं कि 225 एमएलडी की जगह 110 एमएलडी पानी की आपूर्ति ही हो पा रही है. वहीं जलकल के अफसरों का दावा है कि 180 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जा रही है. इस बारे में जलकल के अधीक्षण अभियंता अनवर ख्वाजा ने बताया कि जलनिगम द्वारा इसकी टेस्टिंग की जा रही है. इस कारण इसको बंद करना पड़ता है. अभी इससे 60-70 एमएलडी पानी की आपूर्ति ही हो पा रही है.

मरम्मत के इंतजार में मेन राइजिंग

बोदला चौराहे पर 1100 एमएम की मेन राइजिंग पाइपलाइन पिछले 15 दिन से मरम्मत के लिए पड़ी हुई है. हालांकि इसका 46 लाख का ई-टेंडर जारी कर दिया गया है, लेकिन अभी बिड ओपन नहीं हुई है. बिड ओपन होने के बाद तकरीबन एक सप्ताह लाइन को शिफ्ट करने में लग जाएगा. इस वजह से केदार नगर, बेसन बस्ती, भोगीपुरा, शाहगंज, बोदला, पृथ्वीनाथ आदि इलाकों में पेयजल संकट बना हुआ है.

बोदला में पाइप लाइन श्ििफ्टंग में ऐसे तो एक सप्ताह में भी काम नहीं होगा

बोदला चौराहे पर जिस गति से जलकल के अफसर काम कर रहे हैं, उसे देखकर तो यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक सप्ताह में भी काम पूरा होने वाला नहीं हैं. अभी पिछले पांच दिनों में खुदाई का काम तक पूरा नहीं हो सका है. इस बारे में जीएम जलकल ने बताया कि काम तेजी से किया जा रहा है. सामान भी इकट्ठा करने में टाइम लगता है. किसी को भी पेयजल आपूर्ति से सम्बन्धित कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी. बता दें कि हाल ही में जल निगम ने 1465 करोड़ का प्रपोजल तैयार किया है. इसमें 550 किमी. नई पाइपलाइन बिछाने का काम और 350 किमी. पाइपलाइन को दुरुस्त किया जाएगा.

मदिया कटरा पर तीसरी बार लीकेज हुई लाइन

एक ओर गर्मी के कारण आगराइट्स के कंठ सूख रहे हैं, वहीं मदिया कटरा पर तीसरी बार पाइप लाइन लीकेज होने से सड़क पर गंगाजल बह रहा है. आगराइट्स की प्यास बुझाने को 130 किमी. का सफर तय कर आया गंगाजल सड़कों पर बह रहा है, लेकिन अफसर फिर भी बेपरवाह हैं. शनिवार को मदिया कटरा चौराहा पर मेन राइजिंग पाइपलाइन का वॉल्व लीक होने के कारण चौराहे से पानी ही पानी बह रहा है. लोगों को घर में पानी नसीब नहीं हो रहा है, लेकिन नालियों और सड़कों पर गंगाजल बेकदरी से बह रहा है. इस ओर कोई देखने वाला नहीं हैं.

ऐसे हो रहा लाखों लीटर पानी वेस्ट

शहर में लोगों को पानी नसीब नहीं हो रहा है, लेकिन हर रोज लाखों लीटर पानी सड़क और नालों में वेस्ट हो रहा है. शहर में नौ स्थानों पर पाइपलाइन लीकेज हैं. न्यू राजा की मंडी, आवास विकास एरिया, कैलाश मोड़, एत्माद्दौला में पाइपलाइन लीक कर रही हैं. इसके अलावा कई अन्य स्थानों पर भी पाइपलाइन लीकेज होने से लाखों लीटर पानी हर रोज बर्बाद हो रहा है.

लोहामंडी जोन की पेयजल आपूर्ति लड़खड़ाई

बुधवार को मदिया कटरा चौराहे से मेन राइजिंग का वाल्व लीकेज होने से लोहामंडी जोन की पेयजलापूर्ति लड़खड़ा गई. इस बारे में जलकल के जीएम आरएस यादव ने बताया कि संजय प्लेस स्थित टंकी को भरने के लिए मेन राइजिंग के पानी को डायवर्ट किया गया था. इस दौरान उसका वॉल्व लीक हो गया. उसको दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं.

लीकेज होने से आता है गंदा पानी

मेन राइजिंग पाइप लाइनों में लीकेज होने से घरों में गंदा पानी पहुंचता है. इस बारे में कई पार्षद कंप्लेन भी कर चुके हैं. दरअसल लीकेज होने से जब पाइपलाइन में पानी बंद होता है, तो वैक्यूम के चलते वह हवा के साथ गंदगी खींच लेती है. फिर पेयजलापूर्ति होने पर गंदे पानी की आपूर्ति होती है.

90 एमएलडी प्लांट चालू है. अभी टेस्टिंग के कारण दिक्कत आ रही है. दूसरे प्लांट का रेन्यूवेशन नहीं किया जाएगा. जहां भी पेयजल आपूर्ति में दिक्कत आ रही है, वहां टैंकरों से आपूर्ति की जा रही है.

आरएस यादव, जीएम जलकल

हमने 90 एमएलडी के प्लांट का रेन्यूवेशन कर जलकल को हैंडओवर कर दिया है. अब दूसरे 90 एमएलडी के प्लांट का रेन्यूवेशन किया जाएगा. जलकल के अधिकारी जब उसको हैंडओवर करेंगे, तभी काम शुरू किया जाएगा.

आरके गर्ग, चीफ इंजीनियर प्रभारी गंगाजल प्रोजेक्ट जल निगम