- जल संस्थान की ओर से सप्लाई किए जा रहे पानी से बढ़ रही बीमारियां

- लोग बोले, चेहरे पर पड़ रही हैं समय से पहले झुर्रियां

- पानी की रंगत और बदबू से लोग हैं परेशान

AGRA। जल संस्थान की ओर से सप्लाई किए जाने वाले पानी को न तो लोग पीना चाहते हैं और न ही उसका घरेलू कामों में उपयोग करना चाहते हैं। वजह सभी को पता है। पानी का रंग और उसमें से आती बदबू। यही नहीं, कई एरियाज में तो ऐसा पानी सप्लाई हो रहा है जिसमें से झाग उत्पन्न होते हैं। इन सब कारणों को देखते हुए लोगों को यह चिंता खाए जा रही है कि कब तक खरीद कर पानी का यूज किया जा सकेगा क्योंकि जल संस्थान का पानी अब जीवन की जगह बीमारियां दे रहा है। हमारे रिपोर्टर ने सिटी के ट्रांस यमुना एरिया में जाकर वहां जल संस्थान की ओर से सप्लाई किया जाने वाले पानी की हकीकत जानी।

बदल गया पानी का रंग

ट्रांस यमुना 'सी' ब्लाक में सप्लाई होने वाले पानी का रंग अब बदल रहा है। पानी से उठती दुर्गध से लोगों का जीना दुश्वार हो रहा है। ऐसी स्थिति में लोगों को यहां का पानी उपयोग करने पर सोचना पड़ रहा है। यहां पर पानी तो सप्लाई हो रहा है लेकिन वह किसी काम का नहीं है।

नहाने में भी लगता है डर

लोगों का कहना है कि इस पानी का यूज पीने में तो पहले भी नहीं करते थे लेकिन अब इस पानी से नहाना भी दुश्वार हो गया है। सप्लाई होने वाला पानी से किसी के जोड़ों में दर्द होने लगता है तो किसी के चेहरे पर समय से पहले झुर्रियां पड़ना शुरु होने लगी हैं। यहां के लोग को असमय बूढ़ा होने की चिंता खाए जा रही है।

दस दिन में साफ करनी पड़ती है टंकी

पानी में गंदगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोगों को हर दस दिन बाद अपनी टंकियों की सफाई करनी पड़ती है। जल संस्थान की ओर से सप्लाई किया जाने वाले पानी में इतनी गंदगी होती है कि वह टंकी में इकट्ठा हो जाती है। जिसे टंकी में भयंकर बदबू हो जाती है इस वजह से लोगों को हर दस दिन में टंकी की सफाई करनी पड़ती है।

'ऐसा पानी हमें नहीं चाहिए, यह किसी काम के लायक नहीं है। कई दिनों से यूज नहीं कर रहे हैं क्योंकि पानी से उठती दुर्गध से पूरा घर परेशान है। पानी से कुल्ला करने पर भी दांतों से खून आने लगा है.'

बबिता सिंह, क्षेत्रीय निवासी

'वाटर टैक्स जमा न करने पर जल संस्थान के अधिकारी नोटिस जारी कर देते हैं जबकि जल संस्थान द्वारा सप्लाई किए जाने वाला पानी किसी काम का नहीं रहा। हाथ धोने में भी अब डर लगता है.'

आरती वर्मा, क्षेत्रीय निवासी

'पिछले दो माह से गंदा पानी आ रहा है। जल संस्थान के अधिकारियों का ध्यान नहीं जा रहा है। इस पानी से नहाने पर बाल भी सफेद होने लगे हैं.'

अनीता सक्सेना, क्षेत्रीय निवासी

'जल संस्थान के पानी से नहाने पर पूरे शरीर में एलर्जी हो गई है, शरीर पर दाने से निकल आए हैं। पानी तो पहले ही खराब था लेकिन अब पानी से नहाने पर चेहरे पर झुर्रियां भी पड़ने लगी हैं.'

अंजली सक्सेना, क्षेत्रीय निवासी

'पानी से नहाने के बाद मेरे जोड़ों में दर्द शुरू हो गया है। घर के सामने लगा हैंडपंप पहले से ही खराब पड़ा हुआ है। अब पानी के लिए कहां जाएं?'

भगत सिंह गौतम, क्षेत्रीय निवासी

'पीने का पानी तो बाजार से पानी खरीदकर पीते हैं लेकिन नहाने के लिए जल संस्थान के पानी का यूज करते हैं। पर इस इस पानी ने बाथरूम में भी दुर्गध पैदा कर दी है.'

संदीप वर्मा, क्षेत्रीय निवासी

'सप्लाई हो रहे पानी से फैमिली के ज्यादातर लोग बीमार हो गए हैं। पेट में दर्द से लेकर उल्टियां भी हुई हैं। डाइजेशन खराब हो गया है.'

कमल किशोर, क्षेत्रीय निवासी

'हिंडन नदी के गेट से दोबारा गंदा पानी यमुना में छोड़ दिया गया था जिसे ट्यूजडे सुबह बंद किया गया है। वहीं, ओखला बैराज से भी अभी ख्ख् क्यूसेक गंदा पानी छोड़ा जा रहा है जिसे दो तीन दिन में बंद किया जाएगा तब पानी की स्थिति में सुधार हो सकेगा.'

डॉ। दीपक सिंह चीफ केमिस्ट, जल संस्थान

'ट्रांस यमुना में प्रेशर कम आने की मुझे जानकारी नहीं है, मैं इसी जानकारी करके प्रेशर बढ़वाता हूं लेकिन गंदे पानी के लिए अभी मैं कुछ नहीं कह सकता'

बीएम शर्मा, एक्सईएन जल संस्थान

'हमने पानी की समस्या को सदन में भी उठाया, जीएम जल संस्थान मंजूरानी को भी बताया लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई। जब तक यमुना में जलस्तर नहीं बढ़ेगा तब तक पानी की समस्या दूर नहीं होगी'

कंचन केशवानी, पार्षद ट्रांस यमुना