- आठवीं के छात्र ने तैयार किया है मॉडल

- नदियों का पानी खतरे के निशान तक पहुंचते ही सिस्टम देगा अलार्म

- आपदा से बचाव को तैयारियों के लिए मिल जाएगा मौका

DEHRADUN: आठवीं के एक छात्र ने दैवीय आपदाओं से निपटने के लिए प्री अलार्मिग सिस्टम तैयार किया है। ये मॉडल वाटर लेवल अलार्मिंग सिस्टम पर आधारित है। पर्वतीय जिलों में अक्सर मानसूनी आपदाएं आती रहती हैं, जिनसे निपटने के लिए यह मॉडल कारगर हो सकता है। इस सिस्टम के जरिए नदियों का जल स्तर खतरे के निशान को जैसे ही छुएगा, अलार्म बजेगा और प्रशासन को तैयारी का मौका मिल जाएगा।

इंजीनियर बनना है सपना

देहरादून के द इंडियन पब्लिक स्कूल के आठवीं के छात्र अब्दुल हमाद ने यह मॉडल तैयार किया है। हालांकि यह प्रोजेक्ट अभी मॉडल के रूप में है, लेकिन हमाद का सपना है कि एक बेहतर इंजीनियर बनकर वह इस मॉडल को असल प्रोजेक्ट के रूप में लागू कर सके। सिस्टम को तैयार करने में अब्दुल हमाद की दसवीं के छात्र मो। साहिल खान ने भी सहयोग दिया है। हमाद मूल रूप से ओडिशा का रहने वाला है। उनके पिता इफ्तिखार अहमद व्यापारी हैं। दसवीं के छात्र मो। साहिल राजस्थान का निवासी है और उसके पिता पेशे से बिल्डर हैं। अब्दुल हमाद ने कहा कि उत्तराखंड के मद्देनजर यह प्रोजेक्ट काफी कारगर साबित होगा। कहा कि पहाड़ की विषम भौगौलिक परिस्थिति के कारण यहां प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बाकी राज्यों की तुलना में ज्यादा है। ऐसे में यह अलार्मिंग सिस्टम समय रहते सचेत करने का काम करेगा। इधर मो। साहिल ने कहा कि पहाड़ों से निकलने वाली नदियों की धारा और टिहरी बांध का जल स्तर कई बार खतरे के संकेत दे चुका है। ऐसे में इन तमाम खतरों से जलीय आपदा की संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया जा सकता। वाटर लेवल अलार्मिंग सिस्टम ऐसे सभी राज्य जहां जल स्तर के बढ़ने से खतरा है, वहां मददगार साबित होगा।