यह भी जानें

-19.5 एमएम बारिश में ही शहर की ज्यादातर सड़क हो गई जलमग्न

-120 नालों की सफाई करानी थी नगर निगम को

-103 छोटे नालों की हो रही है अभी सफाई

-17 बड़े नालों की सफाई का अभी तक नहीं हुआ टेंडर

-1 करोड़ का बजट नालों की सफाई के लिए नगर निगम को मिला

-1 से 17 जून तक पार्षदों के धरने के चलते सफाई व्यवस्था हुई प्रभावित

- मामूली बारिश में ही शहर के कई मोहल्ले हो गए जलमग्न

-सड़कों पर जलभराव से लोगों को हुई परेशानी, गड्डों में फंसने से कई राहगीर घायल

बरेली : प्री मानसून की दूसरी बारिश ने नगर निगम की तैयारियों की पोल खोल दी। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम के रियलिटी चेक में मिला कि कई नालों की सफाई न होने से शहर की सड़क जलमग्न हो गई तो वहीं जिन नालों की सफाई हुई थी, वहां की सिल्ट बहकर वापस नालों में चली गई। सोचने वाली बात तो यह है जब नगर निगम के अधिकारी अपने ही ऑफिस में जलभराव नहीं रोक पाए तो वह शहर में जलभराव होने से कैसे रोकेंगे। जलभराव से निपटने की तैयारियों के दावे करने वाला नगर निगम मंडे की बारिश में पानी-पानी हो गया। शहर के पॉश एरिया समेत कई वार्डो में जलभराव के चलते लोग अपने घरों में कैद हो गए। वहीं सड़क पर जलभराव से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

यहां बदतर रहे हालात

1. रामपुर गार्डेन: शहर के पॉश एरिया में शुमार रामपुर गार्डन में नालों की सफाई के दौरान सिल्ट सड़क पर छोड़ दी गई। सिल्ट न उठने से बारिश के चलते वह बहकर वापस नाले में चली गई। निगम की हीलाहवाली के चलते नाला चोक होने की स्थिति बनी हुई है।

2. कटरा चांद खां: यहां पर नालों की सफाई न होने के चलते सारे नाले चोक हैं। बारिश हुई तो नाले का पानी बाहर आ गया, जिससे क्षेत्रीय लोग गंदे पानी से होकर गुजरने को मजबूर रहे। वहीं कई लोगों के घरों के सामने पानी भरने से वह घरों में कैद हो गए। ।

3. सिविल लाइंस: शहर का पॉश एरिया सिविल लाइंस और बरेली कालेज रोड पर भी काफी समय सिल्ट पड़ी हुई थी। बारिश के चलते वह सड़क पर पूरी तरह से फैल गई है। वहीं कुछ जगहों पर सिल्ट नाले में वापस से बह गई है। गंदगी के चलते क्षेत्रीय लोगों का सांस लेना दूभर है।

4. चाहबाई: यहां परं दो माह पहले क्षेत्रीय लोगों ने मेयर को पत्र देकर सीवर चोक होने की शिकायत की थी, लेकिन उसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। मामूली बारिश में ही सड़कें जलमग्न हो गईं।

5. बांस मंडी: इलाके में कई सालों से मेन नाला चोक होने से सड़कें जलमग्न दिखाई दीं। स्थानीय लोगों की माने तो कई बार निगम में शिकायत की लेकिन समस्या का निस्तारण नही कराया गया। हल्की बारिश के बाद ही घरों में पानी भर जाता है। जिससे सड़कों से निकलना तक दुश्वार हो गया है।

इन पर भी एक नजर

- कई नालों की सफाई न होने से ज्यादातर सड़कों पर जलभराव हुआ।

- नालों की सिल्ट न उठने से गंदगी से सांस लेना दूभर।

- सड़कों के गड्ढे न भरने से हो रहा जलभराव

विवाद से नहीं हुई सफाई

मेयर डॉ। उमेश गौतम ने एक माह पूर्व शहर में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए चोक नालों की सफाई का निरीक्षण करने की वार्ड बार जिम्मेदारी क्षेत्रीय पार्षदों को सौंपी थी। लेकिन नगर आयुक्त और पार्षदों के विवाद के चलते सफाई नहीं हुई।

लोगों की बात

1. नाला की सफाई के बाद कूड़ा सड़क पर डाल दिया जाता है, लेकिन इसको उठाने की जहमत कोई नही उठाता। जिससे भीषण गंदगी फैल गई है।

कपिल, जोगी नवादा

2. हमारे क्षेत्र में तो हल्की बारिश में ही हालात बदतर हो जाते हैं। निगम की तैयारियां कागजी हैं। परेशानी शहरवासियों को हो रही है।

पवन, जोगी नवादा।

वर्जन ::

कुछ जगहों से सीवर चोक होने की शिकायत मिली थी, जिस पर जल कल विभाग को आदेशित किया गया था। वहीं नाले की सफाई भी निरंतर जारी है।

संजीव प्रधान, पर्यावरण अभियंता।