RANCHI : एक तरफ स्वच्छता सर्वे को लेकर शहर को चकाचक करने का काम जोरशोर से चल रहा है तो दूसरी ओर शहर के बीचों-बीच स्थित राजकीय पिछड़ी जाति आवासीय प्लस टू स्कूल की बच्चियां नाले की गंदी व बदबूदार पानी के बीच रहकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। जलजमाव क वजह से वे स्कूल परिसर में ही 'बंधक' बनी हुई हैं। हालात ऐसी है कि बच्चियों के कमरे में भी गंदा पानी घुस चुका है। इतना ही नहीं, कैंपस में अगर दस कदम भी चलना हो तो उन्हें टेबुल बिछाकर आना-जाना करना होता है। स्कूल परिसर में बदबूदार पानी के जमा होने से बच्चियों के बीमार होने का खतरा मंडरा रहा है, लेकिन जिला प्रशासन, नगर निगम और शिक्षा विभाग का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है।

अध्यक्ष ने लिया जायजा

स्कूल में जलजमाव को लेकर छात्राओं ने बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा आरती कुजूर को जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि विद्यालय परिसर ही नहीं बल्कि उनके शयन कक्ष में दूषित एवं गंदे जल जमाव से रहने, खाने,पढ़ने, लिखने,खेलने और आने जाने में काफी परेशानी हो रहा है। ऐसे में अध्यक्ष ने मंगलवार को स्कूल परिसर का जायजा लिया और बच्चियों से उन्हें हो रही समस्याओं की जानकारी ली।

डीसी को जानकारी, लें एक्शन

बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने स्कूल का जायजा लेने के बाद टेलीफोन पर डीसी राय महिमापत राय को इसकी जानकारी दी। उन्होंने डीसी से कहा कि वे किसी अफसर को भेजकर पूरे मामले की जानकारी लें। डीसी के निर्देश पर जिला कल्याण पदाधिकारी विद्यालय पहुंचे और निर्माण कार्य में लगे कर्मचारियों को अविलंब काम बंद करते हुए गंदे पानी के नाले के रुख को डाइवर्ट कर विद्यालय परिसर से पानी की निकासी करने और नहीं मानने पर संवेदक पर प्राथमिकी दर्ज करने को कहा।

स्कूल परिसर में क्यों हो रहा जलजमाव

बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष व समाज कल्याण पदाधिकारी ने जब स्कूल परिसर का जायजा लिया तो पता चला कि स्कूल की बाउंड्री से सटे पुराने जेल परिसर में संग्रहालय निर्माण का कार्य के साथ आवास निर्माण का कार्य चल रहा है। आवास निर्माण में लगी कंपनी द्वारा गंदे पानी के नाले का रुख को विद्यालय के बाउंड्री की तरफ मोड़ रखा है, जिसके कारण पूरे विद्यालय परिसर में गंदा व बदबूदार पानी घुस रहा है।

बाउंड्री होगी ऊंची, कमरे होंगे दुरुस्त

राजकीय पिछड़ी जाति आवासीय प्लस टू स्कूल की बाउंड्री ऊंची की जाएगी। इसके अलावा हॉस्टल के कॉरिडोर में रखे बेड को स्कूल को सौंपा जाएगा अथवा उसकी नीलामी करा दी जाएगी। इससे जो पैसे मिलेंगे उसका इस्तेमाल यहां फैसिलिटी व इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने में किया जाएगा। हॉस्टल के कमरों में बल्ब और पंखे लगाने के अलावा पानी की समस्या को भी दूर किया जाएगा।