भारत के चंद्रयान-1 द्वारा ली गई खास तस्वीरों से बदल गया चांद का विज्ञान

नासा से लेकर यूरोपियन स्पेस एजेंसी द्वारा सालों तक चंद्रमा की सतह का अध्ययन करने के बाद भी जो खुलासा नहीं हो सका। अब भारत के चंद्रयान-1 मिशन सैटेलाइट में लगे इंफ्रारेड स्पेक्टोमीटर द्वारा ली गई खास तस्वीरों ने चंद्रमा का वो राज खोलकर रख दिया है। अब कहा जा रहा है कि चंद्रमा की सतह पर पानी किसी खास भू-भाग में ही नहीं है बल्कि यह पानी चांद की सतह पर हर ओर फैला हुआ है। चांद पर की गईं सभी पुरानी रिसर्च बताती थीं कि चंद्रमा के ध्रुवीय इलाके में ही सबसे ज्यादा पानी मौजूद है। इसके अलावा पहले यह भी माना जाता रहा है कि चंद्रमा के कुल दिनों (धरती के 29.5 दिन के बराबर) के आधार पर सतह में मौजूद पानी की मात्रा घटती और बढ़ती रहती है।

 

सिर्फ चंद्रमा के ध्रुवों पर पानी वाली थ्योरी हुई बेकार

इस नई रिसर्च ने सभी पुराने दावों को खोखला साबित कर दिया है। भारत के चंद्रयान-1 मिशन और नासा के Lunar Reconnaissance Orbiter के डाटा द्वारा की नई रिसर्च के बाद चंद्रमा पर पानी को लेकर किए जाते रहे सभी पुराने दावे बेकार साबित हो चुके हैं। बता दें कि Nature Geoscience में छपी इस रिसर्च के मुताबिक चांद पर हर दिन और हर तरफ पानी के संकेत मिल रहे हैं, लेकिन सतह के काफी भीतर दबे इस पानी को निकालना इतना आसान नहीं है।

 

एक बार Kiss करने से मुंह में समा जाते हैं 8 करोड़ बैक्टीरिया! यह जानकर क्या प्यार करना छोड़ देंगे?

 

चांद पर हर तरफ मौजूद है पानी ही पानी,भारत के चंद्रयान की मदद से हुआ खुलासा

 

गाली देने से मिलती है मुसीबतों से लड़ने की हिम्मत! यकीन ना हो तो साइंस से पूछ लीजिए

 

चांद के पानी से हो सकते हैं कई फायदे

इस नई रिसर्च से चांद पर पानी की उत्पत्ति के बारे में भी सही जानकारी मिलने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही चांद पर दबे हुए पानी के उपयोग के तरीके भी खोजे जा सकेंगे। फिलहाल स्पेस साइंटिस्ट चांद के इस पानी को पीने लायक बनाने के लिए भी आगे रिसर्च करेंगे। साथ ही इसे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विघटित करके चांद पर सांस लेने लायक वातावरण बनाने के तरीके भी खोजेंगे। चंद्रयान-1 में लगे मून मिनरौलॉजी मैपर और इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर से जुटाए गए रिसर्च डाटा के एनालिसिस से इस पानी में ओएच (hydroxyl) पाए जा सकने की संभावना दिखी है। OH, एच2ओ की तुलना में ज्यादा सक्रिय होता है और तुरंत किसी दूसरे यौगिक के साथ जुड़ जाता है।

पलकें ज्यादा झपकाने से आंखें और दिमाग दोनों रहते हैं तेज!

International News inextlive from World News Desk