एमबीए डिपार्टमेंट से भर रही पानी
गल्र्स हॉस्टल में 4 ब्लॉक हैं और इसमें 323 स्टूडेंट रहती है। यहां पीने के पानी की तीन मशीन लगी हैं। इनमें से दो तो पहले ही खराब थीं, तीसरी मशीन भी लगभग 2 मंथ्स पहले जवाब दे गयी.  पिछले दो मंथ्स से स्टूडेंट्स सप्लाई के नल से पानी पी रही थी। स्टूडेंट्स ने बताया कि इस नल में भी दो-तीन दिन से बालू आ रहा है, जिससे हॉस्टल में पीने के पानी के लिए कोई अरेंजमेंट नहीं रहा। अब स्टूडेंट्स, हॉस्टल वाली रोड के सामने बने डीडीयू के कॉमर्स फैकल्टी वाले कैंपस में जाकर वहां के एमबीए डिपार्टमेंट से पानी भरकर ला रही हैं। डिपार्टमेंट शाम 4 बजे तक बंद हो जाता है इसलिए स्टूडेंट्स को इससे पहले पी पानी स्टोर करना पड़ता है।

ब्वॉयल करना पड़ता है पानी
कुछ स्टूडेंट्स ने बताया कि सप्लाई का पानी पीने से पहले इसे ब्वॉयल करती हैं। जो स्टूडेंट्स ऐसा नहीं कर रही उनको तो हर समय यही डर रहता है कि कहीं यह पानी पीने से उनकी सेहत खराब न हो जाए। 2-3 स्टूडेंट्स ने यह भी बताया कि इस बीच यह पानी पीने से उनको पेट दर्द की प्रॉब्लम भी झेलनी पड़ी.

जेनरेटर भी नहीं कर रहा काम
स्टूडेंट्स को इस भरी गर्मी में इलेक्ट्रीसिटी की प्रॉब्लम भी फेस करनी पड़ रही है। हॉस्टल में लगा जेनरेटर इस समय खराब है। स्टूडेंट्स ने बताया कि लाइट जाने पर गर्मी को झेलनी पड़ती है साथ ही रात में पढऩे में काफी प्राब्लम होती है। उनको अपनी एग्जाम प्रिपरेशन कैंडिल लाइट या इमरजेंसी लाइट में करनी पड़ती है। इसमें भी देर तक पढऩा पासिबल नहीं होता क्योंकि देर तक इतनी कम लाइट में पढऩे से उनकी आंखों और सिर में दर्द होने लगता है.

वेस्ट होता है टाइम
स्टूडेंट्स का कहना है कि इस समय एग्जामिनेशन टाइम चल रहा है। ऐसे में प्रिपरेशन के लिए एक-एक मिनट इंपॉर्टेंट है। पानी एमबीए डिपार्टमेंट से भरकर लाने में उनका काफी समय वेस्ट होता है। इससे उनकी प्रिपरेशन एफेक्टेड होती है। दूसरा भरी दोपहर में हॉस्टल से निकलकर पानी भरने जाना भी एक बड़ी समस्या है.

फीस बढ़ी, फैसिलिटीज गायब
स्टूडेंट्स ने बताया कि इसी सेशन में यूनिवर्सिटी ने हॉस्टल की फीस डेढ़ गुना कर दी है। फीस बढ़ाते टाइम तो डीडीयू ने कहा था कि स्टूडेंट्स को सभी फैसिलिटी देने के लिए फीस रिवाइज करना जरूरी है, लेकिन इसके बाद भी फैसिलिटीज गायब हैं.

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