48 LMD water supply का था वादा, नहीं हुआ पूरा
मानगो वॉटर सप्लाई प्रोजेक्ट के तहत पांच और टॉवर्स, एक वॉटर ट्रीटमेंट प्लान और स्वर्णरेखा नदी के किनारे एक रिजर्वायर लगाने का प्लान था। इसके साथ ही मानगो एरिया में 48 मीट्रिक लीटर पर डे (एमएलडी) वॉटर सप्लाई का वादा किया गया था, पर करीब 4 लाख पॉपुलेशन वाले इस एरिया में करीब 4500 कनेक्शन में अभी भी केवल 1.5 मीट्रिक लीटर पर डे की वॉटर सप्लाई प्रोवाइड की जा रही है। इससे लोग काफी परेशान हैं।

700 नए connection
मानगो नोटिफाइड एरिया के स्पेशल ऑफीसर नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि फिलहाल इस प्रोजेक्ट में ठीक-ठाक प्रोग्रेस चल रहा है। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो कुछ अलग ही कहानी सामने आती है। 2009 में स्टार्ट हुए इस प्रोजेक्ट में अभी तक केवल 700 कनेक्शंस ही प्रोवाइड किए गए हैं, जबकि डेली करीब 50 से 60 नए अप्लीकेशंस आ रहे हैं। सैनिटरी इंस्पेक्टर जी गोस्वामी ने बताया कि फिलहाल अभी प्लंबर्स को 40 नए कनेक्शंस लगाने के लिए ऑर्डर दिया गया है।

ऐंठा जा रहा पैसा
मानगो वॉटर प्रोजेक्ट में कनेक्शन के नाम पर लोगों से अच्छा-खासा पैसा ऐंठा जा रहा है। एमएनएसी के स्पेशल ऑफीसर नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि नगर पालिका के रूल्स के अकार्डिंग कनेक्शन के अलावा होने वाले अदर एक्पेंसेज अप्लीकेंट को ही झेलने पड़ते हैं। इस रूल का फायदा उठाते हुए पब्लिक से 1500 रुपए कनेक्शन चार्ज के साथ 2980 रुपए प्लम्बरिंग चार्ज भी वसूला जा रहा है। स्पेशल ऑफिसर ने बताया कि फिलहाल जो भी मैटेरियल लगाए जा रहे हैं उसे जेएनएसी द्वारा डिसाइड किया जाता है। इस प्रोजेक्ट में प्लम्बरिंग के लिए एलेस्टर कंपनी का मैटेरियल यूज किया जा रहा है।

बस तारीख पर तारीख
2005-06 स्टेट बजट में इट्रोड्यूस किए गए मानगो वॉटर सप्लाई प्रोजेक्ट के लिए दी गई कई डेड लाइंस क्रॉस हो चुकी हैं, पर अभी तक इस प्रोजेक्ट को लेकर बहुत अच्छा प्रोग्रेस नजर नहीं आ रहा है। इस प्रोजेक्ट के लिए पहली डेड लाइन अगस्त 2011 के लिए दी गई थी। इसके बाद दिसंबर 2011, सितंबर 2012, दिसंबर 2012 और जनवरी 2013 के लिए भी डेड लाइन दी गई थी। पर लगातार इस प्रोजेक्ट को टाला जा रहा है।

'फिलहाल हमें जितना भी पानी पीएचईडी की ओर से प्रोवाइड किया जाता है, उतनी सप्लाई की जाती है। इस दौरान मानगो वॉटर सप्लाई प्रोजेक्ट में कनेक्शन प्रोवाइड करने का काम काफी तेजी से चल रहा है। सब कुछ ठीक रहा तो लोगों को जल्दी ही राहत मिलेगी.'
नीरज श्रीवास्तव, स्पेशल ऑफिसर एमएनएसी

Report by: rajnish.tiwari@inext.co.in