- वार्ड में मिल रहा दूषित पानी, बाहर से खरीद कर पीने को मजबूर

- वार्ड नंबर 12 में खराब है वाटर कूलर मशीन

GORAKHPUR: एक तरफ साफ-सफाई और स्वच्छ पानी के लिए शासन अभियान चला रहा है और जबकि दूसरी तरफ बीआरडी मेडिकल कॉलेज मरीजों और तीमारदारों को खुद ही दूषित पानी पिला रहा है। इंसेफेलाइटिस वार्ड?और वार्ड नंबर क्ख् में भर्ती मरीजों के तीमारदार बाहर से पानी खरीद कर पीने के लिए मजबूर हैं। वाटर कूलर पिछले कई दिनों से खराब है, लेकिन इस ओर न तो डिपार्टमेंट का ध्यान जा रहा और न ही मेडिकल कॉलेज मैनेजमेंट का।

इंसेफेलाइटिस वार्ड में भी नहीं शुद्ध पानी

इंसेफेलाइटिस जैसी गंभीर बीमारी से लड़ रहे मेडिकल कॉलेज के इंसेफेलाइटिस वार्ड?में वाटर सप्लाई बिलकुल खराब है। वार्ड नंबर क्ख् में लगा वाटर कूलर तक कई दिनों से खराब है। वार्ड में वाटर कूलर के आस-पास वाटर लॉगिंग है जिससे गंदगी फैल रही है। इसके अलावा क्00 बेड वाले वार्ड में भी पीने के लिए शुद्ध पानी की व्यवस्था नहीं है। पीने के पानी के बेसिन में गंदगी का अंबार है और तीमारदार दूषित पानी पीने को मजबूर हैं।

पानी के लिए त्राहिमाम

भीषण गर्मी और पानी की सप्लाई न होने के चलते मेडिकल कॉलेज में पानी के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है। मेडिकल कॉलेज में दूषित पानी की सप्लाई के चलते मरीजों और तीमारदार बाहर से पानी खरीद कर पीने के लिए मजबूर हैं। इस बात का हिसाब इसी से लगाया जा सकता है कि मेडिकल कॉलेज के अंदर और बाहर की कैंटीन में डेली करीब चार हजार पानी की बोतल बिकती है। इनमें एक लीटर से लेकर दो लीटर पानी की बोतलों की मांग सबसे ज्यादा है। वार्ड नं क्ख् और चाइल्ड वार्ड में हर बेड के पास पानी की बोतल नजर आती है। यहीं नहीं मरीजों के साथ-साथ तीमारदार भी पानी खरीद कर पी रहे हैं। वार्ड में न तो वाटर कूलर लगे हैं और न ही फ्यूरिफायर सिस्टम।

मरीजों के लिए हॉस्पिटल में शुद्ध पानी की व्यवस्था की जाती है। तीमारदार अपने यूज के लिए बाहर से पानी खरीद कर लाते हैं।

डॉ। ए.के श्रीवास्तव, एसआईसी