- जिला अस्पताल में 23 लाख की लागत से बनेगा ईटीपी

- अस्पताल के वार्डो में प्रयुक्त पानी को किया जाएगा प्यूरीफायर

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1500 मरीज ओपीडी में डेली आते हैं

1500 करीब मरीज वार्डो में एडमिट

बरेली : जिला अस्पताल के वार्डो से नालियों और सिंक में बहने वाला गंदा पानी जल प्रदूषण का पर्याय बन रहा है। इसकी रोकथाम के लिए अब स्वास्थ्य विभाग एक पहल करने जा रहा है। गंदे पानी को नालियों में न बहाकर प्यूरिफाई करके पीने योग्य बनाया जाएगा। स्वच्छ भारत अभियान के तहत अब बरेली के जिला अस्पताल परिसर में ईटीपी यानि ईफ्लूयेंट ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा। छह महीने पहले स्वास्थ्य विभाग की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे शासन ने हरी झंडी देने के साथ ही इसे लगाने के लिए 23 लाख रुपए का बजट भी जारी कर दिया है। अपै्रल में प्लांट शुरू कर दिया जाएगा।

ऐसे काम करेगा प्लांट

इस प्लांट में छह हौज बनाए जाएंगे। जिला अस्पताल के सभी वार्डो को पाइप लाइन लाइन के जरिए इन हौज से जोड़ा जाएगा, जिससे वार्डो से गंदा पानी प्लांट तक पहुंचेगा। प्लांट में बनाए गए छह हौज से यह गंदा पानी एक-एक करके गुजरेगा। पहले हौज में इसको छाना जाएगा। इसमें पानी में मौजूद करीब 60 फीसदी अशुद्धियां दूर हो जाएंगीं। इसके बाद अन्य पांचों हौज में इस पानी को सेंडीमेंटेशन कर पानी को पीने योग्य बनाया जाएगा। इसके बाद यह पानी पाइप लाइन के जरिए जिला अस्पताल में लगे वाटर टैंक में सप्लाई किया जाएगा।

लखनऊ की संस्था लगाएगी प्लांट

शासन ने जिला अस्पताल में ईटीवी लगाने की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था यूपी हेल्थ स्ट्रैथनिंग प्रोजेक्ट लखनऊ को दी है। कंपनी के प्रतिनिधियों ने अस्पताल के टीबी वार्ड के पास प्लांट लगाने के लिए जगह भी तय कर ली है और जल्द ही यहां प्लांट लगाने का काम शुरू हो जाएगा।

अवारा पशु हो रहे थे शिकार

वार्डो से निकलने वाला गंदा पानी नालियों में बहाया जाता रहा है। आवारा पशु इसको पी लेते थे जिससे वह कई तरह के संक्रमण का शिकार हो रहे थे।

वर्जन

ईटीपी लगाने के लिए जगह तय कर ली गई है। इसके लिए शासन से 23 लाख का बजट मिला है। अप्रैल में प्लांट शुरू कर दिया जाएगा।

डॉ। केएस गुप्ता, एडीएसआईसी।