विधानसभा क्षेत्र: शहर

स्थान: छोटेकाजीपुर

समय: 3 बजे दोपहर

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गोरखपुर क्षेत्र की 9 विधानसभा क्षेत्रों में पब्लिक के बीच हो रही चुनावी चर्चा को आप तक पहुंचाने के लिए निकली दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट टीम सोमवार को गोरखपुर शहर विस क्षेत्र के छोटेकाजीपुर मोहल्ले में पहुंची। चाय दुकान पर मोहल्ले के लोगों के साथ ही राहगीर चुनावी चर्चा में मशगूल थे। बात प्रदेश और देश की सियासत की चल रही थी। रिपोर्टर ने चाय की एक प्याली के साथ उनके बीच शामिल होते हुए चर्चा को विस क्षेत्र की तरफ मोड़ने की गरज से एक सवाल उछाल दिया

रिपोर्टर: देश-दुनिया तो ठीक है लेकिन अभी अपने विस क्षेत्र के लिए नेता चुनने का वक्त है। ये बताइए कि यहां का क्या हाल है?

असलम: हाल तो जो है, वो सबको पता है। इसमें कहने वाली क्या बात है? सबकुछ सब लोग समझ रहे हैं। बस इसी समझदारी से वोट कर देने की जरूरत है।

पिंटू (असलम से सहमत होते हुए): ठीक कह रहे हैं। जिस तरह से लोग बात करते हैं यदि यही समझदारी वोट देने के समय ही बची रहे तो झंझट ही न हो। खास कैंडिडेट चुना जाएगा और विकास भी खास तरह का होगा।

(बीच में बैठे मुन्ना बोल पड़े)

मुन्ना: अरे नहीं भाई, कैंडिडेट आम हो या खास इससे क्या मतलब है? हमें तो बस ऐसा कैंडिडेट चाहिए जो इलाके का विकास कर सके। उसी कैंडिडेट को वोट करना ठीक होगा।

फिरोज: बिल्कुल ठीक, नेता ऐसा हो जो सिर्फ वोट मांगने हमारे पास न आए, बल्कि जीतने के बाद भी लगातार हमारे बीच बने रहे। तभी तो वह हम लोगों की प्रॉब्लम भी जान पाएगा।

(असलम का भी दर्द छलक पड़ा)

असलम: काफी समस्याएं हैं यहां। नेता विकास करने वाला न हुआ तो ये समस्याएं 5 साल में नासूर बन जाएंगी। इसलिए विधायक के सेलेक्शन में कोई गलती हम लोगों को ही बाद में भारी पड़ेगी।

संतोष: ठीक कह रहे हैं सर। नेता कोई भी हो, उसे जीतने के बाद भी इलाकों में आना-जाना चाहिए। तभी तो उसे पता चलेगा कि किस एरिया की क्या समस्या है और वह दूर करने की कोशिश करेगा।

शोएब: किसे चुनिएगा भाई, कोई पार्टी या नेता ठीक नहीं है। सब यही सोचते हैं कि कैसे अपनी दाल गल जाए। उनका काम बन जाता है, तो किनारा कर लेते हैं

(शोएब की बात काटते हुए बोल पड़े)

अमन: ऐसा नहीं है। कुछ लोग काम भी करते हैं। अगर कोई नेता चाह ले, तो वह जनता की परेशानी जरूर दूर कर सकता है। बस जीतने के बाद भी वह अपने वोटर्स से वैसे ही जुड़ा रहे, जैसे कि वह इस समय जुड़ा रहता है।

मुन्ना: अरे, छोटेकाजीपुर से लेकर रेती, भुआ शहीद और आसपास के इलाकों में हर बार बरसात का पानी भर जाता है, यह प्रॉब्लम दूर होनी चाहिए।

हलीम: वह सब छोडि़ए साहब, यह प्रॉब्लम्स तो लगे ही रहते हैं, यह बताइए कि सरकार किसकी बन रही है। वोट किसे करना है?

फिरोज: लो कर लो बात, छोड़ कैसे दें? जो विकास करेगा और जो समस्याओं को दूर करने की बात करेगा, मेरा वोट तो उसी को जाएगा।

असलम: अच्छा, यह कैसे पता कीजिएगा कि आगे चलकर कौन विकास करेगा और कौन नहीं? क्योंकि वोट मांगने के समय तो सभी विकास की ही बात करते हैं।

फिरोज: पब्लिक इतनी भी नासमझ नहीं है असलम भाई। पब्लिक अब सबकुछ समझ चुकी है। वह उसी को वोट देगी, जिससे उन्हें विकास और समस्या सुलझने की उम्मीद है।

शोएब: अभी तो मेरे यही नहीं समझ में आ रहा है कि किसे वोट दिया जाए। इतना कंफ्यूजन हो गया है कि

(शोएब की बात काटते हुए बोल पड़े)

असलम: अरे, इसमें कंफ्यूजन की क्या बात है। सीधी सी बात है कि जो डेवलपमेंट करेगा, उसे वोट कीजिए।

(असलम की ही बात आगे बढ़ाते हुए)

हलीम: बिल्कुल, जब वोट लेने वालों का मुद्दा विकास है तो वोट देने वाले वोटर्स का भी मुद्दा यही रहना चाहिए। हम लोग तो विकास के मुद्दे पर ही वोट करेंगे।

पिंटू: जो भी हो, बस कैंडिडेट अच्छा होना चाहिए। वह आम है या खास, इससे भी फर्क नहीं पड़ता, बस विकास करने वाला होना चाहिए।

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टी प्वाइंट

चाय की चुस्कियों के साथ रोजाना लोग गपशप करते रहते हैं। मेरी यह दुकान कई दशक पुरानी है। रोजाना दर्जनों लोग यहां पर आते-जाते रहते हैं। उनका टाइमपास हो जाता है और मेरी भी दुकानदारी होती रहती है। बाकी राजनीति से मुझे कोई खास लेना देना नहीं है। यहां दुकान के सामने बरसात के दिनों में पानी लग जाता है, तब दुकानदारी थोड़ा प्रभावित होती है, अगर यह समस्या दूर हो जाए, तो जो नुकसान होता है, वह कम हो जाएगा। समस्याओं को दूर करने वाले को ही वोट दिया जाएगा।

- राहिल, राहिल टी शॉप