- सरकार एजुकेशन में सुधार ही नहीं करना चाहती

- आश्वासन दे-देकर टाइम पास कर रही है गवर्नमेंट

PATNA: टीईटी/ एसटीईटी पास आउट्स अभ्यर्थी संघ की ओर से दूसरे दिन भी कारगिल चौक पर आमरण-अनशन जारी रहा। वहीं कैंडीडेट्स ने जॉब के डिमांड को लेकर कलेक्ट्रिएट घाट पर जल सत्याग्रह किया। सत्याग्रह के बाद संघ के चेयरमैन मारकण्डेय पाठक ने बताया कि स्कूलों में लाख से ज्यादा पोस्ट खाली है। राइट टू एजुकेशन के नियमों का स्टेट में घोर अवहेलना हो रहा है। सरकार टीचर्स को बहाल करने के बजाय बार-बार टाल मटोल कर रही है। सरकार की साफ मंशा है कि बिहार में एजुकेशन के लेवल में सुधार न हो। कार्यक्रम में संघ के कोषाघ्यक्ष रविशंकर, कुणाल, रत्‍‌नेश कुमार, नागमणि चौधरी कमलेश ठाकुर आदित्य नारायण पांडे मुख्य रूप से उपस्थित थे।

कोई ठोस निर्णय तो दीजिए

संघ के कोषाध्यक्ष रवि श्ाकर ने बताया कि हम बार-बार आंदोलन करते हैं। सरकार आंदोलनकारियों के तबीयत बिगड़ने तक चुप रहती है। तबीयत बिगड़ने पर मौखिक आवश्वासन के बाद हमारा स्ट्राइक समाप्त करा दिया जाता है। इस बार हमें आश्वासन नहीं वैकेंसी की डेट चाहिए। आमरण अनशन पर प्रणव झा, विजय पोद्दार, संजय यादव, मनोज कुमार एवं मोती पाठक बैठे हुए हैं।

बहाली में लगातार हो रही धांधली

बिहार में हाल में टीचर बहाली में लगातार धांधली हो रही है। तीन बार कैंप के बाद भी टीचरों के पोस्ट खाली रह रहे हैं। नियोजन प्रक्रिया में पारदर्शिता का घोर अभाव है। सरकार के पास सभी कैंडिडेट्स का एड्रेस, मोबाइल नंबर व ई मेल है। इसके बाद भी टाइम पर कैंडिडेट्स को कोई सूचना नहीं दिया जाता है। कैंडिडेट्स जॉब के लिए स्कूल-स्कूल चक्कर लगाने को मजबूर हैं। टीईटी व एसटीईटी पास आउट सड़कों पर जॉब के लिए लाठियां खा रहें।

Demands

-एजुकेशन मिनिस्टर वृषिण पटेल की ओर से क्ख् सिंतबर को किये गये वायदे का पालन करे सरकार।

- सभी टीईटी व एसटीईटी पास आउट कैंडिडेट्स का नियोजन।

-सभी टीईटी व एसटीईटी पास आउट कैंडिडेट्स के नियोजन के बाद ही अगली परीक्षा आयोजित हो।

-सेंट्रलाइज तरीके से नियोजन हो।

-विकलांग कैंडिडेट्स की बहाली में गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के आदेश का पालन करें।

-मिडिल स्कूल, हाई स्कूल एवं प्लस टू हाई स्कूल।

-अनट्रेंड सामान्य व पिछड़ा वर्ग के कैंडीडेट्स को एनसीटीई से अनुमति लेकर जल्द बहाल किया जाए।

-टीईटी-एसटीईटी पास आउट करने के बाद बीएड करने वालों को ट्रेंड मानकर जल्द बहाल किया जाए।

- नियोजन प्रक्रिया में धांधली को स्वतंत्र जांच एजेंसी से जांच कराया जाए।