- झमाझम बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त

- लगातार बिगड़ा हुआ है मौसम का मिजाज, भीगते हुए बच्चे गए स्कूल

<- झमाझम बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त

- लगातार बिगड़ा हुआ है मौसम का मिजाज, भीगते हुए बच्चे गए स्कूल

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: मौसम की बेरुखी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सोमवार सुबह से लगातार हो रही रिमझिम बारिश ने लोगों को कहीं का नहीं छोड़ा है। मॉर्निग में बच्चे भीगते हुए स्कूल गए तो माघ मेला में कल्पवासियों के टेंट में पानी भर गया। कीचड़ और फिसलन से सड़कों पर चलना मुहाल हो गया है। मंगलवार शाम अचानक हुई तेज बारिश से हालात ज्यादा नाजुक हो गए हैं।

यहां पर हुआ जलभराव

मौसम के अजीबो-गरीब बर्ताव से लोग परेशान हो चुके हैं। घना कोहरा, तेज बारिश, धूप की आंख-मिचौनी और आसमान में बादल और गलन ने लोगों को कंफ्यूज कर रखा है। दो दिनों से हो रही बारिश से कई इलाकों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है। निरंजन डॉट पुल, अल्लापुर, संजय नगर, खुल्दाबाद आदि इलाकों में पैदल चलना मुश्किल होता जा रहा है। मंगलवार शाम हुई तेज बारिश से यहां के हालात ज्यादा खराब हो गए।

तहस-नहस हो गया मेला

पिछले सवा महीने से मौसम के बिगड़ैल मिजाज ने माघ मेले को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है। लगातार बारिश से कल्पवासियों के टेंट में जलभराव हो गया है। प्रवचन, भजन-कीर्तन और कथा वाचन लगातार बाधित हो रहे हैं। बिजली के पोल टेढ़े हो गए हैं और चकर्ड प्लेटें खतरे का कारण बनती जा रही हैं। मेले में बने पीपा पुलों की स्थिति खतरनाक हो चली है। जिन पर चलना मुश्किल होता जा रहा है।

क्या करें परीक्षाएं भी देनी हैं

हाल ही में मौसम की वजह से लगभग एक महीने जिले के स्कूल बंद रहे। जरा सी धूप निकली तो प्रशासन ने खोलने के आदेश दे दिए। हालात यह हैं कि फिर से बारिश शुरू हो गई और बच्चों को मंगलवार सुबह भीगते हुए जाना पड़ा। कारण कि कई स्कूलों में सेमेस्टर एग्जाम शुरू हो गए हैं। कोर्स भी पिछड़ गया है, जिसे पूरा कराना सिरदर्द साबित हो रहा है।

नमी बढ़ने से स्वास्थ्य को है खतरा

लगातार बारिश से गलन कम हुई है लेकिन नमी बढ़ती जा रही है। जिससे यह मौसम सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। सीनियर फिजीशियन डॉ। ओपी त्रिपाठी का कहना है कि लापरवाही बरतने पर सर्दी, जुकाम, बुखार अपना असर दिखा सकते हैं। चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ। मनीष चौरसिया के मुताबिक ठंड की चपेट में आकर बच्चे निमोनिया का शिकार हो सकते हैं। वहीं, स्लीप एंड चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ। आशुतोष गुप्ता ने सांस के रोगियों को होशियार रहने की सलाह दी है। जरा सी लापरवाही से दिक्कतें बढ़ सकती है।

एक-दो दिन पड़ेगा भुगतना

मौसम विज्ञानियों की मानें तो पूरब और पश्चिम के हवाओं के आपसी टकराव से बारिश के हालात बने हुए हैं। मौसम विशेषज्ञ डॉ। एसएस ओझा बताते हैं कि सोमवार को पूरब की ओर से आई हवाओं से मौसम बदला। आसमान में बादल छाए और बारिश शुरू हो गई। सोमवार की रात पश्चिम की हवाएं भी इसमें शामिल हो गईं। दोनों के टकराव से बादल न पूरी तरह बरस पा रहे हैं और न ही निकल पा रहे हैं। ऐसे हालात में अगले एक दो दिन तक मौसम के यूं ही बने रहने के आसार हैं। धूप निकलने के बाद एक बार फिर गलन बढ़ेगी। इसके बाद ठंड का असर कम होने लगेगा।