- पहाड़ों में बर्फबारी से बढ़ी ग्रामीणों की मुश्किल, मैदानों में बारिश और ओलावृष्टि से ठिठुरन

- प्रदेश में 637 गांवों में अभी भी पसरा है अंधेरा

DEHRADUN: उत्तराखंड में जमकर बर्फबारी हो रही है। मसूरी और नैनीताल समेत प्रदेश में ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। देहरादून और हरिद्वार समेत निचले स्थानों में बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। ताजा बर्फबारी के बाद 60 सड़कें बंद हो गई और 167 गांव अलग-थलग पड़ गए हैं। करीब 637 गांवों में बिजली गुल है। पाइप लाइनों में जमने से पानी की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है। ग्रामीण बर्फ पिघलाकर प्यास बुझा रहे हैं। पहाड़ों में कई जगह संचार सेवा भी ठप है। केदारनाथ में पांच से छह फीट बर्फ जमा है। केदारनाथ में चौथे दिन भी विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं की जा सकी। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को मौसम साफ रहेगा।

मसूरी और नैनीताल में फिर बर्फबारी

नैनीताल और मसूरी में दोबारा बर्फबारी हुई है। जिसका पर्यटकों ने जमकर लुत्फ उठाया। हालांकि मसूरी के पास धनोल्टी मार्ग बंद होने से सैलानी धनोल्टी, सुरकंडा और काणाताल जैसे स्थलों तक नहीं जा सके। इसके अलावा उत्तरकाशी की गंगा और यमुना घाटी बर्फ से लकदक हो गई हैं। हर्षिल में सुबह से बर्फबारी जारी है। गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे कई स्थानों पर बंद है। केदारघाटी का भी यही हाल है। केदारनाथ में कई जगह पांच से छह फीट बर्फ जमा हो चकी है। गौरीकुंड और केदारनाथ के बीच भारी बर्फबारी से बिजली लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण केदारनाथ में चौथे दिन भी विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं की जा सकी। चमोली में बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब के अलावा जोशीमठ, औली और गोरसो बुग्याल में जबरदस्त हिमपात हुआ है। आसपास के गांव बर्फ से ढके हुए हैं। औली में छह फीट बर्फ जमा है और मार्ग पर तीन फीट बर्फ एकत्रित है। जोशीमठ के उपजिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि सड़क खुलने तक पर्यटकों के वहां ठहरने पर रोक लगा दी गई है। पर्यटक वहां रोपवे से जा सकते हैं, लेकिन उन्हें उसी दिन लौटना होगा। देहरादून के जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर के साथ ही टिहरी और पौड़ी जिलों में मौसम ने परेशानियां बढ़ा दी हैं।

चोपता से सभी पर्यटक निकाले, उत्तरकाशी में 69 कर रहे मार्ग खुलने का इंतजार

सोमवार से रुद्रप्रयाग के चोपता में फंसे 70 से ज्यादा पर्यटकों को एसडीआरएफ की टीम ने सकुशल निकाल लिया। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि सभी चोपता इलाके में अब कोई पर्यटक नहीं है। दूसरी ओर उत्तरकाशी के हर्षिल और मोरी के पास फंसे 69 सैलानियों को शुक्रवार को भी नहीं निकाला जा सका। भारी बर्फबारी के कारण मार्ग खोलना संभव नहीं हो सका।