स्पेशल न्यूज

- टेम्प्रेचर वैरिएशन से एलर्जी ब्रोंकाइटिस का बढ़ रहा खतरा

- सर्द की दस्तक के साथ ही कोहरे की आगोश में खो रहा शहर

BAREILLY:

शहर में अब सर्द मौसम ने दस्तक दे दी है। मिनिमम पारा में आई गिरावट की वजह से शाम ढलते ही ठंड का असर का अहसास होने लगा है। इसके अलावा देर शाम शहर कोहरे की चपेट में भी आना शुरू हो गया है। शहर के बाहरी इलाकों और हाइवे देर रात पूरी तरह कोहरे की चपेट में आने लगे हैं। ठंड का अहसास तक तो सब ठीक है लेकिन बढ़ते जा रहे कोहरे का दायरा लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। डॉक्टर्स की क्लिनिक में भी पेशेंट्स की तादाद बढ़ती जा रही है। आपकी सेहत का ख्याल करते हुए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट आपको कोहरे से होने वाली बीमारियां, उनसे बचाव के बारे में जानकारी दे रहा है।

मौसम बदलने से बीमारियां

फिजिशियंस के मुताबिक टेम्प्रेचर वैरीएशन से वायरल और बैक्टीरिया बढ़ने एलर्जी ब्रोंकाइटिस हो जाती है। जिसमें एलर्जी, खांसी, अस्थमा, सांस समेत आंख, नाक, कान, फेफड़े की झिल्ली प्रभावित होती है। वायरल डिजीज के चांसेज कई गुना बढ़ जाते हैं। वायरल फीवर से बोन मेरो प्रभावित होती है। जिससे खून में प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं। जिगर में स्वेलिंग से भूख कम हो जाती है और कुछ खाने पर वोमिटिंग होती है। इसके अलावा ब्लड प्रेशर, हार्ट, दिमाग समेत बदन दर्द, जोड़ों में दर्द की बीमारियां होती हैं। डॉक्टर्स की मानें तो साधारण वायरल की चपेट में आने पर भी करीब दो हफ्ते तक ठीक होने में लग जाते हैं।

यह होती हैं बीमारियां

- डायरिया

- स्वाइन फ्लू

- डेंगू

- फेंफड़ों में संक्रमण

- खांसी

- अस्थमा

- ब्रोंकाइटिस

- आंखों में जलन

क्या करें

- फुल स्वीव्स की शर्ट और फुल पैंट पहनें

- शाम ढलने पर हल्के ऊनी कपड़े पहनें

- पानी ज्यादा पीएं, गुनगुना कर पीना लाभकारी

- हार्ट, ब्लडप्रेशर की नियमित जांच कराएं

- भोर में जॉगिंग करने से जॉगर्स परहेज करें

- रूम में ब्लोअर, हीटर थोड़ी देर ही चलाएं

क्या न करें

- बासी व फास्ट फूड खाने से परहेज करें

- हाफ स्लीव्स शर्ट या हाफ पैंट न पहनें

- बच्चे, बुजुर्ग शाम को घर से नहीं निकलें

- कूलर, पंखा व एयर कंडीशन न चलाएं

- कमरे में अंगीठी या धुआं कतई न करें

- कोहरे में तेज रफ्तार बाइक न चलाएं

मौसम बदलने के साथ सुबह और रात के समय कोहरा हावी होता जा रहा है। बीमारियों की चपेट में आने से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इस दौरान खुद को सर्द मौसम से बचाने के लिए ध्यान देने की जरूरत है।

डॉ। वागीश वैश्य, फिजिशियन