रविवार को बारिश के साथ चली हल्की सर्द हवाओं ने बढ़ाई ठंड

ALLAHABAD: जनवरी के शुरुआती दस दिनो में पड़ी कड़ाके की ठंड के बाद सर्दी ने यू टर्न ले लिया था। दिन में हौले-हौले चढ़ती धूप के कारण ठंड लगभग गायब हो चली थी और लोगों को तेज धूप में ज्यादा देर रुकने पर पसीना छूटना शुरु हो गया था। हालांकि, शाम ढलने के बाद जरुर लोगों को ठंडक का एहसास हो रहा था। लेकिन रविवार को जाड़े ने ऐसी करवट ली कि लोगों को दिन में फिर से कंपकपी छूट गयी।

सुबह से ही बादलों का डेरा

रविवार की सुबह से ही आसमान पर बादलों का डेरा नजर आ रहा था। दोपहर होते-होते आसमान पर बादलों का डेरा घना होता गया और बारिश की फुहारों ने लोगों को भिगो डाला। दिन में दिखे मौसमी परिवर्तन ने वेदर कंडीशन को कुछ इस तरह से चेंज किया कि धूप के दर्शन नहीं हुये। हल्की हवा भी लोगों के लिए बर्दाश्त करनी मुश्किल साबित हुई। खासकर दुपहिया वाहन से निकले लोगों के लिए ठंड को झेल पाना मुश्किल रहा। वे लोग अधिक परेशान हुए जो मान चुके थे कि अब ठंड वापस नहीं लौटेगी और दिन में ऊनी कपड़ों को पहनना छोड़ चुके थे।

विंटर रेन फॉल जैसे बने हालात

दिन में बरसात और उसके बाद बहने वाली हवाओं का जोर शाम और रात को कुछ ज्यादा ही चला। कमरे से बाहर निकलते ही लोगों को जनवरी जैसे जाड़े के मौसम का एहसास हुआ। इसके बाद बाहर निकले लोगों की कोशिश रही कि जैसे-तैसे घर पहुंचा जाये। इस बावत इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में ज्योग्राफी डिपार्टमेंट के एक्स। एचओडी प्रो। बीएन मिश्रा ने कहा कि जिस तरह से लगातार धूप खिल रही थी। इससे विंटर रेन फॉल के हालात बन गये थे। जब भी ऐसा होता है, पानी बरसता ही है। हालांकि उन्होंने जोड़ा की ऐसा एक दो दिन के लिए ही होता है।