57 प्रतिशत करीब ह्मयूमिडिटी दर्ज की गई बुधवार को

21 प्रतिशत आर्द्रता दर्ज की गई थी 13 मार्च 2018 में

2017 में भी नम मौसम के चलते मई-जून में मिले थे मरीज

535 मरीजों में स्वाइन फ्लू मिला है जनवरी से अब तक

358 मरीज स्वाइन फ्लू के सामने आए हैं मेरठ से

177 मरीज बाहर के क्षेत्रों के हैं जिनकी पुष्टि मेरठ में ही हुई हैं.

395 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी मेरठ से 2017 से

2018 में मार्च में स्वाइन फ्लू का एक भी केस सामने नहीं आया था.

बदलते मौसम की वजह से एक्टिव हो रहा स्वाइन फ्लू

Meerut. मौसम हर पल अंगड़ाई ले रहा है. कभी गर्मी, कभी सर्दी और कभी बारिश की मार लोगों की सेहत पर वार कर रही है. यही वजह है कि स्वाइन फ्लू के वायरस की सक्रियता कम नहीं हो रही है. मार्च में तापमान बढ़ने के बावजूद भी स्वाइन फ्लू के केस बढ़ रहे हैं. हालत यह है कि हर दिन कई -कई मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो रही है. एक्सप‌र्ट्स का मानना है कि मौसम में नमी कम न होने की वजह से इन दिनों में भी स्वाइन फ्लू का वायरस काफी सक्रिय है.

यह है स्थिति

स्वाइन फ्लू का वायरस एन1एच1 का असर लगभग हर इलाके में है. मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबॉयोलॉजी लैब के हेड डॉ. अमित गर्ग के मुताबिक इस सीजन में मौसम दिन में कई बार बदल रहा है. जनवरी के मुकाबले तापमान में जरूर बढ़ा है, लेकिन बारिश की वजह से मौसम में नमी लगातार बनी हुई है. जिसकी वजह से वायरस खत्म नहीं हो रहा है. तापमान बढ़ने के बावजूद बारिश होने की वजह से मौसम में नमी बनी हुई है. हालांकि होली के बाद इसके खत्म होने की काफी उम्मीद है.

कम नहीं हो रही नमी

मार्च के महीने में भी जहां तापमान में अधिक बढोत्तरी नहीं हो रही है, वहीं मौसम में नमीं भी बनी हुई है. बुधवार को तकरीबन 57 प्रतिशत ह्मयूमिडिटी दर्ज की गई, जबकि 2018 में 13 मार्च को यह दर करीब 21 प्रतिशत थी. एपिडेमिक विभाग की हेड डॉ. रचना टंडन के मुताबिक वर्ष 2017 में भी मौसम में नमी होने की वजह से मई-जून में स्वाइन फ्लू के केस सामने आए थे.

नमी का स्तर

तिथि-2019-2018

13 मार्च - 57 प्रतिशत-21 प्रतिशत

12 मार्च - 66 प्रतिशत-26 प्रतिशत

11 मार्च - 49 प्रतिशत-39 प्रतिशत

10 मार्च - 38 प्रतिशत-26 प्रतिशत

9 मार्च - 44 प्रतिशत-29 प्रतिशत

अब तक 358 मरीज

स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब जनवरी से अब तक 535 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो चुकी है. जिसमें मेरठ से अब तक 358 मरीज सामने आएं हैं जबकि 177 मरीज बाहर के क्षेत्रों के हैं जिनकी पुष्टि मेरठ में ही हुई हैं. दिनों-दिन आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. 2018 में 24 मरीजों में स्वाइन फ्लू पाया गया था जबकि 2017 में मेरठ से ही 395 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी. 2018 में मार्च में स्वाइन फ्लू का एक भी केस सामने नहीं आया था.

भर्ती मरीजों में अधिक स्वाइन फ्लू

डॉ. अमित गर्ग के अनुसार उनके पास जांच के लिए हर दिन कई सैंपल आ रहे हैं. इन सैंपल्स की हिस्ट्री के हिसाब से स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा केस एडमिट मरीजों में ही मिल रहे हैं. प्राइवेट और सरकारी अस्पताल की ओपीडी में आने वाले मरीजों में स्वाइन फ्लू काफी कम मिल रहा है. पहले से एडमिट मरीजों की इम्यूनिटी कमजोर होने की वजह से ऐसा होहा है.

सात नए मरीजों में पुष्टि

बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से 7 नए मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है. इनमें 5 मरीज मेरठ के हैं जबकि दो मरीज बाहर के हैं. सभी की हालत स्थिर है. सीएमओ डॉ. राजकुमार ने बताया कि सभी मरीजों को टेमीफ्लू दे दी गई है.

मौसम में तेजी से बदलाव की वजह से इस तरह की स्थिति आ रही है. हालांकि होली के बाद मौसम ठीक होने की काफी संभावना है. तापमान बढ़ने से नमी कम होगी और वायरस एक्टिव नहीं रह सकेगा हालांकि इसके बाद भी सावधानी बरतने की जरूरत है.

डॉ. राजकुमार, सीएमओ