- 178 एमएम की जगह 115 एमएम ही हो सकी बारिश

<- क्78 एमएम की जगह क्क्भ् एमएम ही हो सकी बारिश

BAREILLY:

BAREILLY:

भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए लोग मानसून की ओर टकटकी लगाए बैठे थे कि बदरा झूम कर बरसेंगे और मौसम सुहाना हो जाएगा। कुछ दिनों तक हवाओं ने मानसून का रुख घुमा दिया। आवारा बादल घूमते-घामते बरेली के आसमां पर छाए, लेकिन यह बेइमान हो गए और टिपिर-टिपिर बरस रहे हैं। यही वजह है कि मानसून में अब तक म्फ् एमएम कम बारिश हुई है। अब तक क्78 एमएम बारिश होनी चाहिए थी।

उमस भरी गर्मी से बेहाल

वेडनसडे को मैक्सिमम टेम्प्रेचर फ्भ्.ब् और मिनिमम टेम्प्रेचर ख्म्.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मिनिमम टेम्प्रेचर में 0.ख् डिग्री की गिरावट रही, लेकिन, उमस गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया। सुबह से ही चटक धूप खिलने से दोपहर दो से शाम चार बजे के बीच गर्मी का रौद्र रूप सामने आया। वेदर एक्सपर्ट की मानें तो एक-दो दिन गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। इस दौरान हल्के बादल रहेंगे, लेकिन बारिश नहीं होगी।

दक्षिण पूर्व से चल रही हवाएं

इस समय जो हवाएं चल रही है वह दक्षिण पूर्व हैं। जो कि क्0 से क्भ् किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चल रही हैं। जिस वजह से ह्यूमिडिटी 89 परसेंट रहा। मौसम में हो रहे उतार चढ़ाव के कारण फल और सब्जियों के भाव आसमान छूने लगे हैं। फल में आम व केला को छोड़ दिया जाए तो बाकी फलों सेव, अनार के दाम आसमान छू रहे हैं। वहीं हरी सब्जियां के दाम भी कुछ ही दिनों में दोगुने हो गए हैं।

पूरे प्रदेश में मात्र क् फीसदी ही बारिश हुई है। जबकि, अभी तक हंड्रेड परसेंट बारिश होनी चाहिए। बरेली में अभी तक म्फ् एमएम बारिश कम हुई है। अगले एक-दो दिन में बारिश होने के आसार हैं।

जेपी गुप्ता, डायरेक्टर, आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र